बी.एन. मंडल वि.वि. मुख्यालय का पुराना परिसर आज उस समय रणक्षेत्र में तब्दील हो गया जब सिंडीकेट हॉल में जाने से पूर्व विभिन्न छात्र संगठनों ने खासकर संयुक्त छात्र संगठनों ने कुलपति समेत अन्य सिंडीकेट सदस्यों को मुख्य द्वार पर जबरन रोकना चाहा, जिसके वजह से वहां उपस्थित वि.वि. के कर्मचारियों ने इसका विरोध किया.
कर्मचारियों ने किसी तरह कुलपति को सिंडीकेट हॉल में पहुंचाया. इससे छात्रों एवं कर्मचारियों के बीच हाथापाई भी हुई और देखते ही देखते पूरा वि.वि. परिसर युद्ध के मैदान में परिणत हो गया. कुछ देर बाद पुनः संयुक्त छात्र संगठन के नेता मौन धारण कर वि.वि. परिसर पहुंचे और धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठ गये.
क्या है मामला: गुरूवार को अयोजित वि.वि. सिंडीकेट की बैठक से पूर्व यानि पूर्वाहन 10 बजे से ही अभाविप संगठन के छात्रों ने सिंडीकेट की बैठक से पूर्व सिंडीकेट बैठक स्थल केन्द्रीय पुस्तकालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया और वि.वि. विरोधी नारे लगाकर प्रदर्शन करने लगे. उन्हें कुलसचिव डा. कपिलदेव प्रसाद, प्रो. अशोक कुमार एवं परिसंपदा पदाधिकारी डा. बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने समझाने का प्रयास किया लेकिन एबीभीपी संगठन के छात्र अपनी मांग पर डटे रहे. इसी बीच कुलपति प्रो. अवध किशोर राय अपने दल-बल एवं अन्य सिंडीकेट सदस्यों के साथ केन्द्रीय पुस्तकालय मुख्य द्वार पर पहुंचे.
इसी बीच एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष निशांत यादव एवं एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष मो. वसीमुद्दीन के नेतृत्व में संयुक्त छात्र संगठनों ने एबीवीपी के पीछे पुस्तकालय मुख्य द्वार को बंद कर दिया और कुलपति को बैठक स्थल पर जाने से रोकने का प्रयास करने लगे. इसी बीच वहां उपस्थित विवि के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने छात्र नेताओं से कुलपति को बैठक स्थल पर जाने देने का अनुरोध किया लेकिन छात्रों ने अपनी बात को मनवाने के बाद ही बैठक में जाने देने के जिद पर अड़े रहे. इसी बीच कर्मचारियों ने वि.वि. पदाधिकारियों के नेतृत्व में विरोध करना शुरू कर दिया और वे लोग कुलपति को सुरक्षा घेरा बनाकर सिंडिकेट हॉल ले गये.
इतने में ही छात्र नेताओं एवं कर्मचारियों में झड़प होनी शुरू हो गई. इसी बीच आंदोलनकारी छात्रों ने एक गार्ड की पिटाई कर दी. इतने में कर्मचारियों एवं छात्रों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गया. उधर सिंडिकेट की बैठक चलने लगी.
संयुक्त छात्र संगठनों की मुख्य मांग थी कि वि.वि. यूएमआईएस की ओर छात्रों से वसूले जा रहे तीन सौ रूपये को कम किया जाय. साथ ही पीएचडी परीक्षा में भागलपुर वि.वि. की तरह एक हजार रूपये लिये जाय तथा शेष राशि छात्रों को लौटाया जाय. साथ ही वि.वि. के नोडल पदाधिकारी को उनके पद से हटाया जाय. छात्र संगठन वि.वि. में महिला छात्रावास शुरू करने का भी मांग वि.वि. प्रशासन से किया है. दूसरी ओर एबीवीपी ने वि.वि. प्रशासन से मांग किया है कि यूएमआईएस का शुल्क घटाया जाय. सुपौल में पीजी की पढ़ाई शुरू किया जाय.
वहीं डा. राजेश्वर राय, अध्यक्ष वि.वि. मुख्यालय कर्मचारी संघ, बीएनएमयू, मधेपुरा का कहना है कि आये दिन छात्र संगठन के कतिपय नेता आते हैं एवं अकारण मुख्य द्वार एवं वि.वि. कार्यालयों को बंद कर देते हैं जिससे कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं कैंपस में रह रहे कर्मचारियों के परिवारों खासकर स्कूल से आ रहे बच्चों एवं महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर छात्रों को लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत आंदोलन करना है तो वे वि.वि. की ओर से निर्धारित धरना स्थल पर बैठें. अकारण वि.वि. बंद करने एवं मुख्य द्वार बंद करने को हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.
वहीं आन्दोलनकारी छात्र नेताओं का कहना है कि वि.वि. पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण किया है. अतैव हमलोग वि.वि. मुख्यालय स्थित धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेंगे. जब तक कि हमलोगों के साथ धक्का-मुक्की किये कर्मचारियों एवं गार्डों पर कार्रवाई नहीं हो जाय.
(नि. सं.)
कर्मचारियों ने किसी तरह कुलपति को सिंडीकेट हॉल में पहुंचाया. इससे छात्रों एवं कर्मचारियों के बीच हाथापाई भी हुई और देखते ही देखते पूरा वि.वि. परिसर युद्ध के मैदान में परिणत हो गया. कुछ देर बाद पुनः संयुक्त छात्र संगठन के नेता मौन धारण कर वि.वि. परिसर पहुंचे और धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठ गये.
क्या है मामला: गुरूवार को अयोजित वि.वि. सिंडीकेट की बैठक से पूर्व यानि पूर्वाहन 10 बजे से ही अभाविप संगठन के छात्रों ने सिंडीकेट की बैठक से पूर्व सिंडीकेट बैठक स्थल केन्द्रीय पुस्तकालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया और वि.वि. विरोधी नारे लगाकर प्रदर्शन करने लगे. उन्हें कुलसचिव डा. कपिलदेव प्रसाद, प्रो. अशोक कुमार एवं परिसंपदा पदाधिकारी डा. बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने समझाने का प्रयास किया लेकिन एबीभीपी संगठन के छात्र अपनी मांग पर डटे रहे. इसी बीच कुलपति प्रो. अवध किशोर राय अपने दल-बल एवं अन्य सिंडीकेट सदस्यों के साथ केन्द्रीय पुस्तकालय मुख्य द्वार पर पहुंचे.
इसी बीच एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष निशांत यादव एवं एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष मो. वसीमुद्दीन के नेतृत्व में संयुक्त छात्र संगठनों ने एबीवीपी के पीछे पुस्तकालय मुख्य द्वार को बंद कर दिया और कुलपति को बैठक स्थल पर जाने से रोकने का प्रयास करने लगे. इसी बीच वहां उपस्थित विवि के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने छात्र नेताओं से कुलपति को बैठक स्थल पर जाने देने का अनुरोध किया लेकिन छात्रों ने अपनी बात को मनवाने के बाद ही बैठक में जाने देने के जिद पर अड़े रहे. इसी बीच कर्मचारियों ने वि.वि. पदाधिकारियों के नेतृत्व में विरोध करना शुरू कर दिया और वे लोग कुलपति को सुरक्षा घेरा बनाकर सिंडिकेट हॉल ले गये.
इतने में ही छात्र नेताओं एवं कर्मचारियों में झड़प होनी शुरू हो गई. इसी बीच आंदोलनकारी छात्रों ने एक गार्ड की पिटाई कर दी. इतने में कर्मचारियों एवं छात्रों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गया. उधर सिंडिकेट की बैठक चलने लगी.
संयुक्त छात्र संगठनों की मुख्य मांग थी कि वि.वि. यूएमआईएस की ओर छात्रों से वसूले जा रहे तीन सौ रूपये को कम किया जाय. साथ ही पीएचडी परीक्षा में भागलपुर वि.वि. की तरह एक हजार रूपये लिये जाय तथा शेष राशि छात्रों को लौटाया जाय. साथ ही वि.वि. के नोडल पदाधिकारी को उनके पद से हटाया जाय. छात्र संगठन वि.वि. में महिला छात्रावास शुरू करने का भी मांग वि.वि. प्रशासन से किया है. दूसरी ओर एबीवीपी ने वि.वि. प्रशासन से मांग किया है कि यूएमआईएस का शुल्क घटाया जाय. सुपौल में पीजी की पढ़ाई शुरू किया जाय.
वहीं डा. राजेश्वर राय, अध्यक्ष वि.वि. मुख्यालय कर्मचारी संघ, बीएनएमयू, मधेपुरा का कहना है कि आये दिन छात्र संगठन के कतिपय नेता आते हैं एवं अकारण मुख्य द्वार एवं वि.वि. कार्यालयों को बंद कर देते हैं जिससे कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं कैंपस में रह रहे कर्मचारियों के परिवारों खासकर स्कूल से आ रहे बच्चों एवं महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर छात्रों को लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत आंदोलन करना है तो वे वि.वि. की ओर से निर्धारित धरना स्थल पर बैठें. अकारण वि.वि. बंद करने एवं मुख्य द्वार बंद करने को हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.
वहीं आन्दोलनकारी छात्र नेताओं का कहना है कि वि.वि. पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण किया है. अतैव हमलोग वि.वि. मुख्यालय स्थित धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेंगे. जब तक कि हमलोगों के साथ धक्का-मुक्की किये कर्मचारियों एवं गार्डों पर कार्रवाई नहीं हो जाय.
(नि. सं.)
मधेपुरा में बीएनएमयू सिंडीकेट बैठक से पहले हंगामा, छात्र और कर्मचारियों में धक्कामुक्की
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 24, 2019
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