बदहाल NH 106/ NH 107: सड़क के लिए सोशल मीडिया से उतरे सड़क पर, बड़े जन आन्दोलन का आगाज

ये सचमुच कोसी के लोगों के लिए अथाह दर्द देने जैसी बात है. इलाके से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 106 हो या फिर 107, इन सड़कों की ऐसी हालत किसी ने पहले शायद ही देखी हो.



ये सड़कें मौत की सड़कों में तब्दील हो चुकी हैं और इन सड़कों से गुजरने वाले खुद भी नहीं जानते कि वे गंतव्य तक पहुँच पायेंगे या फिर उनकी कोई दुर्घटना वाली खबर अखबार के कोने में छप कर रह जायेगी. 

मधेपुरा से उदाकिशुनगंज-चौसा जाने वाली NH 106 हो या सहरसा-मधेपुरा NH 107, इन सड़कों को देखकर तो अब यही लगता है मानो सरकार या प्रशासन नाम की कोई चीज ही नहीं रह गई है. 

इलाके के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा जब बर्दाश्त से बाहर हो गई तो सोशल मीडिया यूजर्स ने जन आन्दोलन का ऐसा मन बनाया कि अब सड़क के लिए ये आन्दोलन सोशल मीडिया से सड़क पर उतर चुका है. मधेपुरा के कुछ जागरूक युवाओं ने जब बड़े आन्दोलन की जरूरत जताते हुए जन आन्दोलन का आह्वान किया तो फिर सहरसा और सुपौल से भी उत्साही लोग भी इस आन्दोलन में शरीक हो गए, क्योंकि बदहाल और जर्जर सड़क ने पूरे कोशी के मानचित्र को खराब कर रखा है.

मंगलवार को मधेपुरा जिला मुख्यालय में जागरूक युवाओं की एक बैठक हुई जिसमें आन्दोलन की रूपरेखा तय की गई. निष्कर्ष यह निकला कि यह जन आंदोलन एक ग़ैर राजनीतिक आम कोसी वासियों का आंदोलन है. इस आंदोलन का मकसद नेशनल हाइवे संख्या 106 और 107 तथा शहर के बायपास के जर्जर रोड मात्र से है, जिसमें किसी भी राजनीतिक पार्टी का नाम/ बैनर / विज्ञप्ति  इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. 

14 अगस्त : प्रस्तावित 16 अगस्त के आक्रोश मार्च हेतु अधिक लोग जुड़े इसके लिए मधेपुरा के सभी दुकान/ शो रूम/ कॉलेज आदि भीड़ जगहों के लिए बैनर / पोस्टर/ पंप्लेट आदि युवाओं की अलग अलग टोली पूरे मधेपुरा शहरी क्षेत्र में वितरण कर रहे हैं. बताते चलें कि देर शाम तक शहर बैनर और पोस्टरों से पटने लगा था.

15 अगस्त: शाम 5 बजे से मधेपुरा होटल के आगे आक्रोश मार्च में सम्मलित होने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलेगा. उसी जगह पर नुकड़ नाटक का मंचन भी किया जाएगा. साथ ही युवा साथी माइक के माध्यम से अपने ऊर्जावान भाषण से राहगीरों को आक्रोश मार्च की सूचना देंगे तथा अन्य सभी साथी राहगीरों को पंप्लेट बाटेंगे.

16 अगस्त: आक्रोश मार्च का दिन होगा और इसके तहत दिन के चार बजे सभी साथी एक बैनर “जन आंदोलन” के तले मधेपुरा स्टेडियम में जमा होंगे. वहां से एक जुलूस के शक्ल में यात्रा बस स्टैंड होते हुए, कॉलेज चौक, पुरानी बाज़ार, मस्जिद चौक, पानी टंकी, थाना, सुभाष चौक, मधेपुरा होटल, होते हुए कर्पूरी चौक फिर स्टेशन चौक तक जाएगी और वहाँ से मुड़ कर पुनः कर्पूरी चौक होते हुए बायपास जयपालपट्टी होते हुए मधेपुरा स्टेडियम में समाप्त हो जाएगी. यहां आक्रोश मार्च एक सभा में बदल जाएगी और उस सभा में 17 अगस्त को होने वाले “आम बैठक” की जानकारी प्रदान की जाएगी. यहाँ से एक प्रतिनिधि मंडल अपनी मांग पत्र  जिलाधिकारी को सौपेंगे. 17 अगस्त को एक आम सभा आयोजित होगी और फिर आगे की रूपरेखा इसी सभा में निर्धारित की जाएगी.

अभियान के तहत आज बैनर, पोस्टर आदि जिला मुख्यालय सहित कई प्रखंड क्षेत्रों में भी लगना शुरू हो गया है. आक्रोश मार्च की विधिवत जानकारी प्रशासन को भी दी गई है. 

एक तरफ जहाँ इस जन आन्दोलन को अपार जन समर्थन मिल रहा है वहीँ पर इस बीच इलाके के सांसद या बड़े जनप्रतिनिधि ने चुप्पी साध ली है, मानो शर्म इन्हें आती नहीं या फिर इन्हें मौत की इन सड़कों से कोई लेना-देना ही नहीं हो. चुनाव के समय जनता की चिरौरी करने वाले नेताओं को भी घेर कर इन्हीं सड़कों पर घंटों बिठाए रखने की जरूरत है ताकि इन्हें भी अपनी जिम्मेवारी का एहसास हो सके.   
(वि. सं.)
बदहाल NH 106/ NH 107: सड़क के लिए सोशल मीडिया से उतरे सड़क पर, बड़े जन आन्दोलन का आगाज बदहाल NH 106/ NH 107: सड़क के लिए सोशल मीडिया से उतरे सड़क पर, बड़े जन आन्दोलन का आगाज Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 14, 2019 Rating: 5

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