मधेपुरा जिले केआलमनगर थाना क्षेत्र के बसनवाड़ा पंचायत स्थित पंचम बासा में मंगलवार की रात्रि में सुप्तावस्था में 55 वर्षीय किसान उमेश सिंह, पिता स्व. तारनी सिंह की हत्या गोली मारकर कर दी गई ।
घटना की सूचना तत्काल स्थानीय थाना आलमनगर को दी गई. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष राजेश कुमार पुलिस पदाधिकारी उपेंद्र सिंह, गौरी शंकर सिंह एवं दर्जनों पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे । वहीं घटना की सूचना पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई जिसके बाद गांव एवं आसपास के गांव के लोग भी घटना स्थल पर इकट्ठा हो गए । परिवारजनों ने बताया कि मृतक उमेश सिंह एक सीधे-सादे किसान थे जो महज 2 एकड़ जमीन में सब्जी की खेती कर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. प्रत्येक दिन की तरह मंगलवार को भी घर से कुछ दूरी पर बने गांव में ही वासा पर सड़क किनारे मचान पर अपने पुत्र एवं भतीजा के साथ सोये हुए थे. गांव में इनकी चर्चा सदा सत्य बोलने और लोगों के मुंह पर खरी खोटी जवाब देने को लेकर होते रहती थी, जिस वजह से ग्रामीणों में यह शंका व्याप्त है कि कहीं किसी को कभी खरी खोटी मुंह पर जवाब दिया गया होगा जिस वजह से इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है । फिलहाल परिजनों के द्वारा हत्या को लेकर आवेदन नहीं दिया गया है.
वहीँ गांव वाले मृतक के शव को पोस्टमार्टम में भेजने से पहले जिला स्तर के वरीय पदाधिकारी को घटनास्थल पर आने की मांग को लेकर घंटों शव को रोके रखा. ग्रामीणों में आक्रोश था कि आज वर्षों से मधेपुरा जिला और खगडि़या जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस कैंप की मांग की जा रही है. हाल में ही 4 माह पूर्व पुनः ग्रामीणों के द्वारा जिला के पुलिस कप्तान एवं स्थानीय विधि मंत्री को लिखित में भी आवेदन दिया गया था. इसके बावजूद आज तक इस क्षेत्र में पुलिस कैंप खोलने को लेकर कोई पहल नहीं किया गया, जिस वजह से आए दिन इस क्षेत्र में लूट और हत्या की घटना घटित होती रहती है.
वही घटना की सूचना मिलते ही बिहार सरकार के विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, आर के जै एल कॉलेज के प्राचार्य प्रभात कुमार सिंह, जदयू नेता चंद्रशेखर आजाद सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को ढ़ाढस बँधाया एवं समझा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया ।
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
घटना की सूचना तत्काल स्थानीय थाना आलमनगर को दी गई. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष राजेश कुमार पुलिस पदाधिकारी उपेंद्र सिंह, गौरी शंकर सिंह एवं दर्जनों पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे । वहीं घटना की सूचना पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई जिसके बाद गांव एवं आसपास के गांव के लोग भी घटना स्थल पर इकट्ठा हो गए । परिवारजनों ने बताया कि मृतक उमेश सिंह एक सीधे-सादे किसान थे जो महज 2 एकड़ जमीन में सब्जी की खेती कर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. प्रत्येक दिन की तरह मंगलवार को भी घर से कुछ दूरी पर बने गांव में ही वासा पर सड़क किनारे मचान पर अपने पुत्र एवं भतीजा के साथ सोये हुए थे. गांव में इनकी चर्चा सदा सत्य बोलने और लोगों के मुंह पर खरी खोटी जवाब देने को लेकर होते रहती थी, जिस वजह से ग्रामीणों में यह शंका व्याप्त है कि कहीं किसी को कभी खरी खोटी मुंह पर जवाब दिया गया होगा जिस वजह से इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है । फिलहाल परिजनों के द्वारा हत्या को लेकर आवेदन नहीं दिया गया है.
वहीँ गांव वाले मृतक के शव को पोस्टमार्टम में भेजने से पहले जिला स्तर के वरीय पदाधिकारी को घटनास्थल पर आने की मांग को लेकर घंटों शव को रोके रखा. ग्रामीणों में आक्रोश था कि आज वर्षों से मधेपुरा जिला और खगडि़या जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस कैंप की मांग की जा रही है. हाल में ही 4 माह पूर्व पुनः ग्रामीणों के द्वारा जिला के पुलिस कप्तान एवं स्थानीय विधि मंत्री को लिखित में भी आवेदन दिया गया था. इसके बावजूद आज तक इस क्षेत्र में पुलिस कैंप खोलने को लेकर कोई पहल नहीं किया गया, जिस वजह से आए दिन इस क्षेत्र में लूट और हत्या की घटना घटित होती रहती है.
वही घटना की सूचना मिलते ही बिहार सरकार के विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, आर के जै एल कॉलेज के प्राचार्य प्रभात कुमार सिंह, जदयू नेता चंद्रशेखर आजाद सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को ढ़ाढस बँधाया एवं समझा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया ।
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
किसान की सुप्तावस्था में गोली मारकर हत्या
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 07, 2019
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