'अपनी सारी संपत्ति दान देकर कई महाविद्यालयों की स्थापना की': कीर्ति जयंती और रतन चांद द्वार उद्घाटन समारोह आयोजित
"कीर्ति नारायण मंडल ने इस क्षेत्र में शिक्षा के उन्नयन में जो योगदान दिया है, वह अद्वितीय है। इतिहास में कीर्ति बाबू जैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है।"

कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने बुधवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित कीर्ति नारायण मंडल जन्मोत्सव समारोह में उद्घाटनकर्ता के रूप में उक्त बातें कही। इसके पूर्व कुलपति ने कीर्त विज्ञान परिसर में कीर्ति बाबू की प्रतिमा का अनावरण किया। सबसे पहले उन्होंने इस कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य स्व रतन चांद के नाम पर रतनचंद द्वार का अनावरण किया। इसके बाद स्मार्ट क्लास एवं आईक्यूए आॅफिस का उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि स्व. कीर्ति नारायण मंडल (1916-1997) का जन्म 1916 में मधेपुरा जिले के मनहरा गाँव में हुआ था। कुलपति ने कहा कि कीर्ति बाबू का योगदान पंडित मदनमोहन मालवीय से भी बड़ा है। मालवीय जी ने दान में धन प्राप्त कर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। कीर्ति नारायण मंडल ने अपनी सारी संपत्ति दान देकर कई महाविद्यालयों की स्थापना की।
उन्होंने कहा कि कीर्ति बाबू ने 1953 में 50 बीघा जमीन दान देकर अपने पिता के नाम पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय की स्थापना की। फिर करोड़ों की संपत्ति दान देकर अपनी माता के नाम पर पार्वती विज्ञान महाविद्यालय की भी स्थापना कराई। साथ ही कई अन्य महाविद्यालयों की स्थापना में भी महती भूमिका निभाई। जब तक इस धरती पर लोग हैं, हम कीर्ति बाबू को याद करते रहेंगे।
प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कहा कि कीर्ति बाबू का गुनगान उनकी जिंदगी के बाद भी हो रहा है, क्योंकि उनका सोच बड़ा था। हम उस सोच को नमन करते हैं। हम उनकी राह पर चलें, यही उनको हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने कहा कि कीर्ति बाबू का योगदान अविस्मरणीय है। उनकी कीर्तिगाथा अमर है। हम उनके ॠणि हैं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय नैक मूल्यांकन हेतु प्रतिबद्ध है।
चिकित्सा संकाय के अध्यक्ष डाॅ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि मधेपुरा संस्कार एवं संस्कृति की धरती है। हमें इसे बनाए रखना है।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं पूर्व कुलपति डाॅ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि, पूर्व प्रति कुलपति डॉ. के. के. मंडल, वरिष्ठतम शिक्षक डाॅ. के. एन. ठाकुर, डीएसडबल्यू डाॅ. शिवमुनि यादव, सिंडीकेट सदस्य द्वय डाॅ. परमानंद यादव एवं डॉ. जवाहर पासवान, कुलसचिव कपिलदेव प्रसाद, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, डॉ. श्यामल किशोर यादव, डॉ. सच्चिदानंद यादव, डॉ. अमोल राय, डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह, डॉ. अशोक कुमार, कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव, सिनेटर रंजन यादव और प्रो गणेश कुमार यादव, काउंसिल मेम्बर सोनू यादव और कीर्ति बाबू के गाँव मनहरा के ग्रामीण सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
(रिपोर्ट: प्रदीप कुमार झा, वरीय संपादक; फोटो: मुरारी सिंह)

कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने बुधवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित कीर्ति नारायण मंडल जन्मोत्सव समारोह में उद्घाटनकर्ता के रूप में उक्त बातें कही। इसके पूर्व कुलपति ने कीर्त विज्ञान परिसर में कीर्ति बाबू की प्रतिमा का अनावरण किया। सबसे पहले उन्होंने इस कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य स्व रतन चांद के नाम पर रतनचंद द्वार का अनावरण किया। इसके बाद स्मार्ट क्लास एवं आईक्यूए आॅफिस का उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि स्व. कीर्ति नारायण मंडल (1916-1997) का जन्म 1916 में मधेपुरा जिले के मनहरा गाँव में हुआ था। कुलपति ने कहा कि कीर्ति बाबू का योगदान पंडित मदनमोहन मालवीय से भी बड़ा है। मालवीय जी ने दान में धन प्राप्त कर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। कीर्ति नारायण मंडल ने अपनी सारी संपत्ति दान देकर कई महाविद्यालयों की स्थापना की।
उन्होंने कहा कि कीर्ति बाबू ने 1953 में 50 बीघा जमीन दान देकर अपने पिता के नाम पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय की स्थापना की। फिर करोड़ों की संपत्ति दान देकर अपनी माता के नाम पर पार्वती विज्ञान महाविद्यालय की भी स्थापना कराई। साथ ही कई अन्य महाविद्यालयों की स्थापना में भी महती भूमिका निभाई। जब तक इस धरती पर लोग हैं, हम कीर्ति बाबू को याद करते रहेंगे।
प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कहा कि कीर्ति बाबू का गुनगान उनकी जिंदगी के बाद भी हो रहा है, क्योंकि उनका सोच बड़ा था। हम उस सोच को नमन करते हैं। हम उनकी राह पर चलें, यही उनको हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने कहा कि कीर्ति बाबू का योगदान अविस्मरणीय है। उनकी कीर्तिगाथा अमर है। हम उनके ॠणि हैं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय नैक मूल्यांकन हेतु प्रतिबद्ध है।
चिकित्सा संकाय के अध्यक्ष डाॅ. अशोक कुमार यादव ने कहा कि मधेपुरा संस्कार एवं संस्कृति की धरती है। हमें इसे बनाए रखना है।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं पूर्व कुलपति डाॅ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि, पूर्व प्रति कुलपति डॉ. के. के. मंडल, वरिष्ठतम शिक्षक डाॅ. के. एन. ठाकुर, डीएसडबल्यू डाॅ. शिवमुनि यादव, सिंडीकेट सदस्य द्वय डाॅ. परमानंद यादव एवं डॉ. जवाहर पासवान, कुलसचिव कपिलदेव प्रसाद, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, डॉ. श्यामल किशोर यादव, डॉ. सच्चिदानंद यादव, डॉ. अमोल राय, डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह, डॉ. अशोक कुमार, कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव, सिनेटर रंजन यादव और प्रो गणेश कुमार यादव, काउंसिल मेम्बर सोनू यादव और कीर्ति बाबू के गाँव मनहरा के ग्रामीण सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
(रिपोर्ट: प्रदीप कुमार झा, वरीय संपादक; फोटो: मुरारी सिंह)
'अपनी सारी संपत्ति दान देकर कई महाविद्यालयों की स्थापना की': कीर्ति जयंती और रतन चांद द्वार उद्घाटन समारोह आयोजित
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 07, 2019
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