


आन्दोलनकारियों ने किसी भी जिम्मेवार को नहीं छोड़ा, सभी का मुर्दाबाद कर डाला. क्या नीतीश बाबू, क्या गडकरी जी, क्या दिनेश बाबू और क्या स्थानीय विधायक. सबकी बाट लगा दी आन्दोलनकारियों ने, सबकी मुर्दाबाद कर डाली. सहरसा, मधेपुरा से लेकर प्रखंडों में भो लोगों ने ऐसा जोश दिखाया कि कोसी ने अपने आप में एक इतिहास रच दिया. दुकानें अधिकाँश दुकानदारों ने बिना कहे बंद कर दी, क्योंकि खराब सड़क ने उनके व्यवसाय की कमर भी तोड़ डाली है. मधेपुरा से सहरसा की सड़क जिसने भी देखी_सुनी है, आन्दोलन का समर्थन करने में उन्हें कोई हिचक नहीं थी. बंद को समर्थन देने वाले संगठनों की संख्या भी अनगिनत हो गई. चिकित्सकों से लेकर प्राध्यापकों और व्यवसायियों से लेकर बस और ऑटो संगठनों ने भी पूर्ण समर्थन दिया.
युवाओं की टोली मोटरसायकिल और पैदल सडकों पर घूम-घूमकर बंद का समर्थन करते रहे. बंद शांतिपूर्ण तो रहा ही, इस बीच एम्बुलेंस को रास्ता देने समेत जरूरतमंदों की मदद करने में भी युवाओं ने अपना उत्साह दिखाया.
बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने मधेपुरा डीएम नवदीप शुक्ला को इसका एक ज्ञापन सौंपा. डीएम ने कहा कि सक्षम प्राधिकार इस पर सभी स्तर से प्रयास करेंगे और लोगों को राहत दिलाई जायेगी.
हाँ, इस बीच उम्मीद से चुने हुए लगभग सभी जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी इनकी अलग मानसिकता दर्शाती रही. हालांकि युवाओं ने कहा कि आन्दोलन तब तक जारी रहेगा जबतक एनएच 106 और एनएच 107 की मरम्मत नहीं हो जाती है.
जनता का कोसी बंद रहा अभूतपूर्व, पहली बार अनगिनत संगठन समेत युवाओं ने दिखाई बड़ी एकजुटता
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 27, 2019
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