कल है NH 106 और 107 को लेकर कोसी बंद: क्या बहरी सरकार और अंधे जनप्रतिनिधि पर होगा असर?


बर्दाश्त ही हद हो गई और सोशल मीडिया से शुरू हुआ आन्दोलन सडकों पर उतरा और अचानक ही जंगल की आग कि तरह इसकी लपट तेजी से समूचे कोसी में फ़ैल गई. 27 अगस्त को कोसी बंद है. नेता जी का बंद नहीं, जनता जी का बंद. 


जन आंदोलन को स्वेच्छा से समर्थन देने वाली संस्थाओं एवं संगठनों ने बंद की सफलता के लिए पत्र निकाल कर अपील की है। निजी चिकित्सकों की क्लीनिक भी दिन के दो बजे तक बंद रहेगी। इस दौरान सभी प्राइवेट स्कूल भी बंद रहेंगे। डॉक्टरों की संस्था आईएमए ने सभी चिकित्सकों से जन आंदोलन के समर्थन में दिन के दो बजे अपने अपने क्लीनिक को बंद रखने की अपील की है। आईएमए के सचिव डॉ डीके सिंह ने पत्र जारी कर  मंगलवार को इमरजेंसी सेवा छोड़कर सभी निजी क्लीनिक एवं नर्सिंग होम बन्द रखने को कहा है। उधर जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएसन के अध्यक्ष किशोर कुमार ने भी एक पत्र जारी कर मंगलवार को जन आंदोलन के दौरान सभी निजी स्कूलों को बंद रखने को कहा है। 



प्रमंडलीय बस ऑनर्स एसोसिएसन ने भी जन आंदोलन को पूर्ण समर्थन देते हुए मंगलवार को सभी बसों के परिचालन को बंद रखने की बात कही है। जिला ऑटो संघ एवं ई रिक्सा संघ ने भी अपने ऑटो एवं ई रिक्सा को बंद रखने का एलान किया है। दोनों संगठनों ने भी अपने सभी सदस्यों को पत्र देकर वाहन परिचालन नही करने को कहा है। व्यापार संघ ने भी सभी व्यवसायियों से अपनी अपनी दुकानें बंद रखने की अपील की है। संघ के अध्यक्ष राजेश सर्राफ ने पत्र निकाल व्यवसायियों से मंगलवार को कोसी बंद के दौरान दुकानें बंद रखने को कहा है। इसके अलावे केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएसन, लायंस क्लब, रोटरी क्लब ने अपने अपने सदस्यों को बंद के समर्थन में अपनी दुकानें बंद रखने की अपील की है। सहरसा में भी कई संगठन ने बंद में साथ देने का जज्बा दिखाया है. मधेपुरा जिले के प्रखंडों से भी बंद के समर्थन में एकजुट होने की सूचना है. बहुत से कॉलेज छात्रों ने भी आन्दोलन को समर्थन दिया है.

सरकार, जनप्रतिनिधि और अधिकारी एक-दूसरे पर एनएच की जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाकर लोगों को फिर से उल्लू बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सबों की जवाबदेही है.जनता की लड़ाई केंद्र के पास राज्य सरकार और कथित निकम्मी सरकारों के पास हमारी आवाज पहुंचाने के लिए हमारे जनप्रतिनिधि और अधिकारी होते हैं. सभी जनता के पैसे पर मिले पद का भोग कर रहे हैं. ए.सी. में बैठकर भूना हुआ काजू फांकने वाले नेता और अधिकारी को आमलोगों की समस्या समझने की जरूरत है. चंद्रयान भेजकर ताली बजाने वालों को देखना चाहिए कि नेशनल हाइवे नेशनल शेम (शर्म) बन चुका है. देश और सूबे के विकास का ढिंढोरा पीटते रहिए, यदि यही जनता इसी तरह दलों से उठकर चुनाव के समय एकजुट हो जाएँ तो उनकी सारी नेतागिरी धड़ी रह जाए.
(वि. सं)
कल है NH 106 और 107 को लेकर कोसी बंद: क्या बहरी सरकार और अंधे जनप्रतिनिधि पर होगा असर? कल है NH 106 और 107 को लेकर कोसी बंद: क्या बहरी सरकार और अंधे जनप्रतिनिधि पर होगा असर? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 26, 2019 Rating: 5

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