पिता के न रहते भी गरीबी में शिक्षिका और फिर दारोगा बनने वाली मोनिका का संघर्ष है बेहद ख़ास

कहते हैं जब मेहनत और लगन किसी का जूनून बन जाय तो फिर सफलता उसके कदम चूमेगी ही. मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव की मोनिका कुमारी ने अवर निरीक्षक प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता अर्जित कर गांव और इलाके का मान बढ़ा दिया है। 


मोनिका के दारोगा बनने पर गांव में खुशी का माहौल है। जनप्रतिनिधियों ने मोनिका के सफलता पर खुशी का इजहार करते हुए बधाई दी है। लक्ष्मीपुर गांव के दिवंगत सुभाष राय की पुत्री मोनिका के बारे में परिजन बताते है कि वह बचपन से ही मेधावी थी । उसके पिता का निधन बचपन में ही हो गया। चाचा पूर्व जिप सदस्य अमलेश राय के संरक्षण में मोनिका का लालन पालन हुआ। माता बीणा देवी अनुमंडल कार्यालय मधेपुरा में लिपिक पद पर कार्यरत है। मोनिका खुद मधेपुरा के एसएनपीएम प्लस टू विधालय में शिक्षक पद पर कार्यरत रहते अवर निरीक्षक परीक्षा में सफलता हासिल की।  

चाचा अमलेश राय बताते है कि गरीबी के बावजूद मोनिका बचपन से पढ़ने में तेज थी। अपने कक्षा में वह हमेशा अव्वल आया करती थी । मोनिका के बचपन के स्कूल शिक्षक भी बेहतरी की उम्मीद जता रहे थे। स्कूल शिक्षक मोनिका से कहा करते थे कि भविष्य में बड़े पद को सुशोभित करेगी । शिक्षकों के भविष्यवाणी और खुद के मेहनत के बल पर मोनिका का सपना साकार हुआ। चाचा कहते है कि दारोगा बन मोनिका गरीबों को न्याय दिलाने का काम करेगी । 
(रिपोर्ट: कुमारी मंजू)
पिता के न रहते भी गरीबी में शिक्षिका और फिर दारोगा बनने वाली मोनिका का संघर्ष है बेहद ख़ास पिता के न रहते भी गरीबी में शिक्षिका और फिर दारोगा बनने वाली मोनिका का संघर्ष है बेहद ख़ास Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 04, 2019 Rating: 5

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