मधेपुरा में अनुदान की राशि के वितरण में कथित अनियमितता तथा जांच समिति के आदेश का उल्लंघन व लापरवाही बरतने के आलोक में निदेशक (शैक्षणिक) बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा के आदेश के आलोक मे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद निराला ने सदर थाना मे स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के प्राचार्य वीणा कुमारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है ।
दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव के पत्रांक BSEB 70/D दिनांक 2/2/19 के आलोक में प्रो. अखिलेश कुमार सिंह सहित 23 महाविद्यालय कर्मी ने सत्र 2006-08 के अनुदान की राशि भुगतान नहीं करने के कारण उनके द्वारा वर्ष 2012 में उच्च न्यायालय में CWJC No. 8390 /2012 दायर किया गया था । उच्च न्यायालय द्वारा उक्त मामले में 21/01/2014 को पारित न्यायादेश में यह आदेश दिया कि क्षेत्रीय शिक्षा उपलब्ध निदेशक कोशी प्रमण्डल के नेतृत्व में गठित त्रिसदस्य जांच कमिटी के द्वारा जांच की जाय कि संस्थान ने अनुदान की राशि का उपयोग सहित ढंग से वितरण हुआ या नही ।
आदेश के आलोक में जांच कमिटी ने रिपोर्ट दिया जिसमे कहा कि जांच के दौरान महाविद्यालय प्रबंधक द्वारा कोई मूल अभिलेख जांच कमिटी के पास उपलब्ध नहीं कराया. जांच कमिटी मूल अभिलेख के अभाव में अन्य अभिलेख के आधार पर प्रदर्श अंकित किया कि वर्ष 2008 के परीक्षा फल के आधार पर 38,64,800 रूपये का रसीद प्राप्त हुआ जिसमें संस्थान ने वर्ष 2006/08 के अनुदान मदद मे 26,31,800 रूपये राशि का वितरण महाविद्यालय कर्मियों की सूची एवं वर्तमान कार्यरत के बीच की गयी शेष राशि 12,35,500 राशि वापस कर दी गयी ।
जांच कमिटी ने कहा कि महाविद्यालय के कर्मियों की सूची एवं वर्तमान कार्यरत कर्मियों की सूची जिन्हे अनुदान की राशी दी गयी, उनमें अपके नामों मे भिन्नता पाई गयी है। इस वास्तव सदर थाना मे राशि वितरण मे अनियमितता को लेकर केस दर्ज किया गया जो न्यायालय में चल रहा है ।
समिति ने कहा कि महाविद्यालय के प्राचार्य को समय पर निर्देशित किया गया कि प्रो अखिलेश कुमार सिंह सहित 23 कर्मियों को 2006-08 में अनुदान की राशि को भुगतान करें लेकिन महाविद्यालय ने संज्ञान नही लिया साथ ही उच्च न्यायालय का भी संज्ञान नहीं लिया जो कर्तव्य के प्रति उदासीन एवं लापरवाही को दर्शाता है ।
थानाध्यक्ष सुरेश कुमार राम ने बताया कि आवेदन के आलोक मे प्राथमिकी दर्ज किया गया ।

दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव के पत्रांक BSEB 70/D दिनांक 2/2/19 के आलोक में प्रो. अखिलेश कुमार सिंह सहित 23 महाविद्यालय कर्मी ने सत्र 2006-08 के अनुदान की राशि भुगतान नहीं करने के कारण उनके द्वारा वर्ष 2012 में उच्च न्यायालय में CWJC No. 8390 /2012 दायर किया गया था । उच्च न्यायालय द्वारा उक्त मामले में 21/01/2014 को पारित न्यायादेश में यह आदेश दिया कि क्षेत्रीय शिक्षा उपलब्ध निदेशक कोशी प्रमण्डल के नेतृत्व में गठित त्रिसदस्य जांच कमिटी के द्वारा जांच की जाय कि संस्थान ने अनुदान की राशि का उपयोग सहित ढंग से वितरण हुआ या नही ।
आदेश के आलोक में जांच कमिटी ने रिपोर्ट दिया जिसमे कहा कि जांच के दौरान महाविद्यालय प्रबंधक द्वारा कोई मूल अभिलेख जांच कमिटी के पास उपलब्ध नहीं कराया. जांच कमिटी मूल अभिलेख के अभाव में अन्य अभिलेख के आधार पर प्रदर्श अंकित किया कि वर्ष 2008 के परीक्षा फल के आधार पर 38,64,800 रूपये का रसीद प्राप्त हुआ जिसमें संस्थान ने वर्ष 2006/08 के अनुदान मदद मे 26,31,800 रूपये राशि का वितरण महाविद्यालय कर्मियों की सूची एवं वर्तमान कार्यरत के बीच की गयी शेष राशि 12,35,500 राशि वापस कर दी गयी ।
जांच कमिटी ने कहा कि महाविद्यालय के कर्मियों की सूची एवं वर्तमान कार्यरत कर्मियों की सूची जिन्हे अनुदान की राशी दी गयी, उनमें अपके नामों मे भिन्नता पाई गयी है। इस वास्तव सदर थाना मे राशि वितरण मे अनियमितता को लेकर केस दर्ज किया गया जो न्यायालय में चल रहा है ।
समिति ने कहा कि महाविद्यालय के प्राचार्य को समय पर निर्देशित किया गया कि प्रो अखिलेश कुमार सिंह सहित 23 कर्मियों को 2006-08 में अनुदान की राशि को भुगतान करें लेकिन महाविद्यालय ने संज्ञान नही लिया साथ ही उच्च न्यायालय का भी संज्ञान नहीं लिया जो कर्तव्य के प्रति उदासीन एवं लापरवाही को दर्शाता है ।
थानाध्यक्ष सुरेश कुमार राम ने बताया कि आवेदन के आलोक मे प्राथमिकी दर्ज किया गया ।

अनुदान की राशि में अनियमितता के आरोप स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के प्राचार्य पर प्राथमिकी दर्ज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 17, 2019
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