मधेपुरा के सिंहेश्वर में वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन के तृतीय स्थापना दिवस को समरोह के रूप में, राम जानकी ठाकुरबाड़ी में मनाया गया. जिसका उद्घाटन पूर्व प्राचार्य डॉ. शिव नारायण यादव ने किया.
उन्होंने कहा कि जिस उम्र में लोग घर से निकलना पसंद नहीं करते हैं, उस उम्र में संगठन के माध्यम से सेवा करना कितना महत्वपूर्ण काम है इसका वर्णन भी नहीं किया जा सकता है. लेकिन उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन के लिए बाय लाज अवश्य होना चाहिए. इसलिए आज वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन के अध्यक्ष दुर्गानंद विश्वास बाय लाज पढ़ कर सुनाएँगे. संतुष्ट होने के बाद उसे छपने दे दिया जायेगा.
पूर्व प्रमुख उपेंद्र नारायण यादव ने कहा कि उम्र के अंतिम पड़ाव में हम लोगों को हर रोज एक-दूसरे से मिलना, घटना-दुर्घटना, समाचारों पर चर्चा करने से हमें भी उर्जा मिलती रहेगी, तथा समाज के जरुरतों को नजदीक से समझ कर उसे दूर करने का प्रयास करते तो हमें भी शांति मिलती.
वहीं बीएनएमयू के सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार डा. सचिंद्र महतो ने कहा कि कर्म करने वालों के लिए उम्र मायने नहीं रखती है. जो जज्बा वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन के सदस्य उठा रहे हैं, उनका कोई जवाब नहीं है. यह कम से कम बिहार का पहला वरिष्ठ नागरिकों का संगठन होगा.
संत गंगा दास तांती ने कहा कि लगातार 03 साल से हम लोग समाज की सेवा कर रहे हैं. आज 70 वर्ष की उम्र में भी हम विश्व नशा उन्मूलन के लिए वर्षों से कार्य कर रहे हैं. कई राज्यों में नशा उन्मूलन का झंडा गाड़े हैं. संगठन के महामंत्री भरत चंद्र भगत ने सभी वरिष्ठ नागरिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि पूरे भारत देश में 17 करोड़ वरिष्ठ नागरिक हैं, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई सुविधा नहीं है.
बिहार सरकार से मीडिया के सहारे हम अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं. सभी वरिष्ठ नागरिकों को एपीएल और बीपीएल के झंझट से मुक्त कर सभी वृद्धों को पेंशन दिया जाय. उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार पर है. उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्ग सोये हुए हैं, लेकिन अपने कष्ट को आवाज दें, ऐसा नहीं करते हैं. हर बच्चे का कर्तव्य है पिता की देख-भाल करे. यह हमारा कानूनी अधिकार है. अब घुट-घुट कर जीने का विरोध करें. देश का अल्पसंख्यक वरिष्ठ नागरिक है, इसलिए अल्पसंख्यकों की सुविधा वरिष्ठ नागरिकों को मिले.
मंच संचालन दुर्गानंद विश्वास ने किया. मौके पर हरी प्रसाद टेकरीवाल, जदयू के अशोक चौधरी, सेवा निवृत्त शिक्षक रमेश चंद्र भगत, जगदीश चौधरी, सुबोध शर्मा, सोहन कुमार वर्मा, भगवान प्रसाद वर्मा, शंभू प्रसाद सिंह, शशी सिन्हा, त्रिवेणी प्रसाद सिंह, अशोक मेहता, भूपेंद्र प्रसाद यादव, दिनेश झा, सीता राम यादव, शिवनाथ भगत, उपेंद्र भगत, अशोक भगत आदि उपस्थित थे ।
उन्होंने कहा कि जिस उम्र में लोग घर से निकलना पसंद नहीं करते हैं, उस उम्र में संगठन के माध्यम से सेवा करना कितना महत्वपूर्ण काम है इसका वर्णन भी नहीं किया जा सकता है. लेकिन उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन के लिए बाय लाज अवश्य होना चाहिए. इसलिए आज वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन के अध्यक्ष दुर्गानंद विश्वास बाय लाज पढ़ कर सुनाएँगे. संतुष्ट होने के बाद उसे छपने दे दिया जायेगा.
पूर्व प्रमुख उपेंद्र नारायण यादव ने कहा कि उम्र के अंतिम पड़ाव में हम लोगों को हर रोज एक-दूसरे से मिलना, घटना-दुर्घटना, समाचारों पर चर्चा करने से हमें भी उर्जा मिलती रहेगी, तथा समाज के जरुरतों को नजदीक से समझ कर उसे दूर करने का प्रयास करते तो हमें भी शांति मिलती.
वहीं बीएनएमयू के सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार डा. सचिंद्र महतो ने कहा कि कर्म करने वालों के लिए उम्र मायने नहीं रखती है. जो जज्बा वरिष्ठ नागरिक सेवा संगठन के सदस्य उठा रहे हैं, उनका कोई जवाब नहीं है. यह कम से कम बिहार का पहला वरिष्ठ नागरिकों का संगठन होगा.
संत गंगा दास तांती ने कहा कि लगातार 03 साल से हम लोग समाज की सेवा कर रहे हैं. आज 70 वर्ष की उम्र में भी हम विश्व नशा उन्मूलन के लिए वर्षों से कार्य कर रहे हैं. कई राज्यों में नशा उन्मूलन का झंडा गाड़े हैं. संगठन के महामंत्री भरत चंद्र भगत ने सभी वरिष्ठ नागरिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि पूरे भारत देश में 17 करोड़ वरिष्ठ नागरिक हैं, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई सुविधा नहीं है.
बिहार सरकार से मीडिया के सहारे हम अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं. सभी वरिष्ठ नागरिकों को एपीएल और बीपीएल के झंझट से मुक्त कर सभी वृद्धों को पेंशन दिया जाय. उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार पर है. उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्ग सोये हुए हैं, लेकिन अपने कष्ट को आवाज दें, ऐसा नहीं करते हैं. हर बच्चे का कर्तव्य है पिता की देख-भाल करे. यह हमारा कानूनी अधिकार है. अब घुट-घुट कर जीने का विरोध करें. देश का अल्पसंख्यक वरिष्ठ नागरिक है, इसलिए अल्पसंख्यकों की सुविधा वरिष्ठ नागरिकों को मिले.
मंच संचालन दुर्गानंद विश्वास ने किया. मौके पर हरी प्रसाद टेकरीवाल, जदयू के अशोक चौधरी, सेवा निवृत्त शिक्षक रमेश चंद्र भगत, जगदीश चौधरी, सुबोध शर्मा, सोहन कुमार वर्मा, भगवान प्रसाद वर्मा, शंभू प्रसाद सिंह, शशी सिन्हा, त्रिवेणी प्रसाद सिंह, अशोक मेहता, भूपेंद्र प्रसाद यादव, दिनेश झा, सीता राम यादव, शिवनाथ भगत, उपेंद्र भगत, अशोक भगत आदि उपस्थित थे ।
जिस उम्र में लोग घर से निकलना पसंद नहीं करते हैं, उस उम्र में संगठन के माध्यम से कर रहे हैं सेवा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 23, 2018
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