“सत्य के होंठ आज बंद हुए, झूठ के हौसले बुलंद हुए”: “देश दीप के सम्मान में” गोष्ठी का आयोजन

मधेपुरा शहर के कृष्णापुरी वार्ड नं. 04 में मंगलवार को “देश दीप के सम्मान में” सामाजिक सांस्कृतिक व् साहित्यिक संस्था सृजन दर्पण, मधेपुरा द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया.


 कार्यक्रम की अध्यक्षता, बी०एन०एम०यू० मधेपुरा ‘हिन्दी’ विभाग के अध्यक्ष डा० विनय कुमार चौधरी ने किया और मंच का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता एवं युवा रंगकर्मी विकास कुमार ने किया. झारखंड से पधारे शायर चन्द्रिका ठाकुर ने देश दीप के सम्मान में कवि-गोष्ठी आयोजित किया.

 इस अवसर पर सियाराम मयंक ने गजल के माध्यम से समय के सच को उजागर किया. डा० सिद्धेश्वर कश्यप ने टूटते संबंधो को उजागर करते हुए कहा, “हमसफर आजमाने लगे और अँगूठा दिखाने लगे”. डा० आलोक ने सामाजिक सरोकार को स्वर दिया- “कोमल किसलय अभिनव पाता यह सावन की है सौगात, अरमानों की उठी हिलोर सिहर उठा यह कोमल गात”.

 डा० चौधरी ने मानवीय जीवन की विडंबनाओं पर चोट किया और कहा- “सत्य के होंठ आज बंद हुए, झूठ के हौसले बुलंद हुए”. अतिथि कवि, शायर देश दीप ने कहा- “साए लिए किसी ने, किसी ने सज लिए, चलता रहा मैं धूप में सूरज को सर लिए, जी चाहे जब गिरादे नशेमन पे बिजलियाँ, फिरते हम भी शोक से पंजो मे घर लिए”.
 मौके पर डा० रंभा चौधरी, संकल्प शिखर पिंटू कुमार, सृजन दर्पण के वरीय सदस्य सत्यम कुमार, सौरभ कुमार, नितिश कुमार यदुवंशी, फूलचन कुमार, प्रेम कुमार, सुमन कुमार, विकास कुमार, सौरव कुमार, गौरव कुमार, विवेक कुमार, बाबुल कुमार, निखिल कुमार, ब्रह्मप्रकाश कुमार आदि मौजूद थे.
(रिपोर्ट: मुरारी सिंह)
“सत्य के होंठ आज बंद हुए, झूठ के हौसले बुलंद हुए”: “देश दीप के सम्मान में” गोष्ठी का आयोजन “सत्य के होंठ आज बंद हुए, झूठ के हौसले बुलंद हुए”: “देश दीप के सम्मान में” गोष्ठी का आयोजन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 27, 2018 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.