मचा हड़कंप: मधेपुरा नगर परिषद में भ्रष्टाचार की होगी जांच, जिलाधिकारी ने गठित की जांच टीम

मधेपुरा नगर परिषद में  कार्यान्वित विकास योजनाओं के कार्यान्वयन एवं अन्य आरोपों की जांच के लिए जिलाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित कर सात दिनों के अंदर मंतव्य के साथ समेकित एवं सारगर्भित प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है । 

जिलाधिकारी के इस आदेश से नगर परिषद में हड़कंप मच गया है । 

तेरह वार्ड पार्षदों ने की थी जांच की मांग 

नगर परिषद के वार्ड पार्षद मनीष कुमार एवं अन्य 12 वार्ड पार्षदों ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर यह आरोप लगाया था कि नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण लूट मची है। योजनाओं का कार्यान्वयन गलत ढंग से हो रहा है। इन वार्ड पार्षदों ने 13 बिंदुओं को उठाते हुए जांच की मांग की थी । गठित समिति को सात दिन के अंदर जांच करके अपने मंतव्य के साथ जिलाधिकारी को प्रतिवेदन सौपना है ।

दो माह में ग्यारह करोड़ से अधिक राशि निकाषी और अन्य मामलों की होगी जांच 

वार्ड पार्षदों ने आरोप लगाया है कि दो माह पूर्व जब मधेपुरा नगर परिषद के वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी लंबे अवकाश में थे तो मुरलीगंज नगर पालिका नगर पंचायत के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी रमन कुमार चौपाल से मिलीभगत कर मुख्य पार्षद द्वारा सिर्फ दो माह के दौरान 11 करोड़ से अधिक की राशि विभिन्न मदों में निकासी की गई है।आरोप यह है कि इस निकासी में लाखों का खेल हुआ है । वार्ड पार्षदों के इस आरोप की भी जांच होगी कि वर्ष 2016 में नगर परिषद क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट खरीदी गई थी जिसमें शर्त थी कि लाइट का मेंटेनेंस संवेदक द्वारा किया जाएगा। लेकिन गुणवत्ता विहीन लाइट खरीद कर लगाया गया। संवेदक द्वारा उसे ठीक नहीं किया गया । जब जिलाधिकारी ने त्योहारों के मद्देनजर सभी लाइट को ठीक करने का आदेश दिया तो जो लाइट ठीक करने के नाम पर वार्डों से  खोला गया उसे फिर से नहीं लगाया गया । फिर भी नगर परिषद ने संवेदक को मेंटेनेंस की राशि भुगतान कर दिया ।इसके साथ ही मुख्य मार्ग से कई पोलों से पोल  शिफ्टिंग के दौरान  लाइटें  खुली लेकिन वह लाइट वर्षों बीतने के बाद भी नहीं लगाई गई । 

कूड़ादान खरीद मामले में अनियमितता की भी होगी जाँच, कई अन्य गंभीर आरोप भी  

वार्ड पार्षदों के इस आरोप की भी जांच होगी कि नगर परिषद द्वारा कूड़ादान खरीद मामले में भी अनियमितता हुई थी । पिछली बार जो कूड़ादान खरीदा गया ,वह किस-किस जगह लगाया गया ,उसे देखने वाला कोई नहीं है ।

आरोप यह भी है कि नगर परिषद के पास जे सी बी मशीन है लेकिन उसका व्यवसायिक कार्य में उपयोग कर किराये की राशि का कोई लेखा-जोखा नहीं रखा जाता है। जांच समिति यह भी जांच करेगी कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर स्वच्छ नल का जल पहुंचाने की योजना में भी भ्रष्टाचार और अनियमितता हुई है या नहीं । आरोप लगाया गया है कि अपने मनचाहे संवेदकों को कार्य आवंटित कर दिया गया और सरकारी निर्देशों का उल्लंघन कर बोरिंग को 430  फीट के बदले 200 फीट ही बोरिंग कर अनियमितता की गई है । नगर परिषद की योजनाओं में व्याप्त अनियमितता की जानकारी देते हुए  वार्ड सदस्यों ने कहा है कि निविदा के नियमों को ताक पर रखकर मुख्य पार्षद के पति द्वारा अपनी पसंद के संवेदकों को कार्य आवंटित किया जाता है और  कार्य आवंटन में भी अपने विरोधी वार्ड सदस्यों के वार्ड के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। नगर परिषद में बोर्ड की बैठक प्रत्येक माह होने के बदले कभी-कभार होने और मनमानी प्रोसिडिंग बुक लिखकर मनमाफिक निर्णय लेने का भी आरोप वार्ड सदस्यों ने लगाया है। एक महत्वपूर्ण आरोप  यह भी है कि पूर्व में जिला अधिकारी ने डोर टू डोर कचरा संग्रह अभियान का उद्घाटन किया था। लेकिन नगर परिषद की अकर्मण्यता के कारण यह योजना सिर्फ कमीशन उगाही का जरिया बना है। किसी भी वार्ड में डोर टू डोर कचरा  कलेक्शन नहीं हो रहा है। लेकिन प्रत्येक वार्ड के नाम पर लाखों की राशि एनजीओ को दी जा रही है। गठित समिति यह भी जांच करेगी कि नगर परिषद क्षेत्र में शहरी आवास योजना में कैसे अनियमितता हो रही है। वार्ड पार्षदों का आरोप है कि कमीशन लेकर मनमाफिक लोगों को दूसरी किस्त का लाभ दे दिया गया है जबकि कई ऐसे लाभुक हैं जिन्हें पहली  किश्त भी नहीं मिला है। शौचालय निर्माण में भी कई लाभुकों को दूसरी किस्त नहीं दी गई है। 

आरोपों को जिलाधिकारी ने लिया गंभीरता से 

जिलाधिकारी ने 13 वार्ड पार्षदो द्वारा सौंपी गई आरोप पत्र को गंभीरता से लेते हुए  जिला परिवहन पदाधिकारी अब्दुल रज्जाक की अध्यक्षता में जिला पंचायती राज पदाधिकारी अरुण कुमार झा और पी एच इ डी के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद अनीस अफजल को सदस्य बनाकर जांच समिति गठित किया है । 

यह समिति परिवादों की संयुक्त रुप से जांच करेगी और अपना समेकित और सारगर्भित प्रतिवेदन सात कार्य दिवस के अंदर अपने मंतव्य के साथ जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएगी । जिलाधिकारी ने कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद को निर्देशित किया है कि इस संयुक्त जांच टीम को अपेक्षित सहयोग प्रदान करना सुनिश्चित करें ।
(रिपोर्ट: प्रदीप कुमार झा, वरीय संपादक)
मचा हड़कंप: मधेपुरा नगर परिषद में भ्रष्टाचार की होगी जांच, जिलाधिकारी ने गठित की जांच टीम मचा हड़कंप: मधेपुरा नगर परिषद में भ्रष्टाचार की होगी जांच, जिलाधिकारी ने गठित की जांच टीम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 18, 2018 Rating: 5

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