‘भूपेंद्र नारायण मंडल डाॅ. राम मनोहर लोहिया के करीबी थे
और 'सादा जीवन, उच्च विचार'
के सिद्धांत में
विश्वास करते थे। उन्होंने हमेशा चुनावी तंत्र की शुचिता एवं राजनीति
में मितव्ययिता पर जोर दिया।‘
उक्त बातें बीएनएमयू के प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कही।
वे भूपेंद्र बाबू की पुण्यतिथि पर गुरूवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित उनकी
प्रतिमा पर पुष्पांजलि कार्यक्रम में बोल रहे थे।
'समाज के अंतिम व्यक्ति के हित में काम करते थे भूपेन्द्र बाबू'
प्रति कुलपति ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू समाजवाद के
जीते-जागते मिशाल थे। उन्होंने समाजवाद को अपने जीवन में आत्मसात कर लिया था। इसके
लिए चुनाव के दौरान वे बैलगाड़ी से क्षेत्र भ्रमण करते थे। यह सिलसिला जीवनपर्यंत
चलता रहा। राज्यसभा सांसद रहते हुए भी वे बैलगाड़ी से क्षेत्र का भ्रमण करते थे।
उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति के हित में काम किया। वे जाति नहीं,
जमात के नेता थे।
'बीएनएमयू को राष्ट्रीय पहचान दिलाने हेतु प्रयास करें'
प्रति कुलपति ने कहा कि हम भूपेन्द्र बाबू के सपनों को
साकार करने का संकल्प लें। उनके विचारों को जीवन में उतारें। उनके नाम पर स्थापित
बीएनएमयू को राष्ट्रीय पहचान दिलाने हेतु अथक प्रयास करें। भूपेन्द्र बाबू की
जयंती और पुण्य तिथि पर बड़ा आयोजन हो।
इस अवसर पर वित्त परामर्शी सुरेश चन्द्र दास,
प्रभारी कुलानुशासक डॉ. अरूण कुमार यादव,
परिसंपदा पदाधिकारी
शैलेन्द्र कुमार, डाॅ. दीनानाथ मेहता, वासुदेव प्रसाद, कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव, प्रति कुलपति के सहायक राजेश कुमार,
अखिलेश्वर नारायण, संतोष कुमार, दयानंद, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर आदि उपस्थित थे।
(रिपोर्ट: प्रदीप कुमार झा, वरीय संपादक)
‘जाति नहीं, जमात के नेता थे भूपेन्द्र बाबू’: मनाई गई भूपेंद्र नारायण मंडल की पुण्यतिथि
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 29, 2018
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