

समारोह का शुभारंभ
अतिथियों की उपस्थिति में नन्हें-नन्हे कलाकारों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया
गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायिका कोसी की बेटी तनुजा ने एक से
बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति देकर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम
के मध्य में अनिल ओझा द्वारा लिखित अमित आनंद द्वारा निर्देशित नाटक ‘शिक्षा का
सर्कस’ का मंचन किया गया. नाटक में वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर चोट करते हुए
शिक्षा माफियाओं की सक्रियता पर करारा प्रहार किया. नाटक में दिखाया गया कि
पढ़े-लिखे लोग डिग्री लेकर नौकरी की तलाश में ऑफिस-ऑफिस भटकते रहते हैं पर जो
अनपढ़ और पैसे वाले लोग होते हैं वे अपने पैसे के बदौलत अच्छी से अच्छी नौकरी के
गद्दी पर बैठ जाते हैं. नाटक शिक्षा का सर्कस आधुनिक युग की शिक्षा व्यवस्था पर
कड़ा प्रहार करती है. आज शिक्षा का स्तर नीचे गिर गया है और शिक्षा माफियाओं का खुला
व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है. नेता लोग अपने फायदे के लिए किस तरह जनता को अपनी
चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसाते हैं, स्कूल से लेकर काॅलेज तक की शिक्षा व्यवस्था गर्त की ओर जा
रही है,
आपस में लोग जातिवाद, ऊंच-नीच का बीज बोकर एक-दूसरे को मारने-काटने पर अमादा हैं.
हमारा देश हिंसक गतिविधियों का आए दिन शिकार हो रहा है.
इन सभी पहलुओं पर
प्रांगण रंगमंच के कलाकारों ने अपने अभिनय के द्वारा लोगों का ध्यान केंद्रित
किया. समाज के लोगों को उनके मौलिक कर्तव्य और अधिकारों के लिए जागरूक करने की
कोशिश की. नाटक में सुनीत साना, आशीष कुमार सत्यार्थी, नीरज कुमार, अभिषेक कुमार, प्रह्लाद कुमार, विद्यांशु कश्यप, मनोहर कुमार, अनुप्रिया, लिसा रानी, ब्रजेश कुमार ने जीवंत अभिनय कर लोगों को शिक्षा का
महत्त्व बताया. वहीं नाटक से पहले रिषिका ने रिकॉर्डिंग डांस कर अपनी प्रतिभा से
लोगों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया. अनुप्रिया एवं एवं लिसा रानी
ने रिकॉर्डिंग डांस कर दर्शकों से वाह-वाही लूटी. लीजा मान्या ने भी रिकॉर्डिंग
डांस कर लोगों के बीच अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. गोल्डन कुमार ने सूफी सॉन्ग
गाकर दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम के अंत में जानेमाने क्षेत्रीय
गायक सुनीत साना ने पूरे प्रांगण रंगमंच की टीम के साथ ‘इस देश को हिंदू न मुसलमान
चाहिए’ गीत गाकर अपनी एक अलग छाप छोड़ी. कीबोर्ड पर संतोष यादव,
आॅर्गन पर शंकर पोद्दार, नाल पर विनोद केसरी ने संगत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा
दिया.
संस्था के अध्यक्ष
संजय कुमार परमार ने अतिथियों का स्वागत किया। श्री परमार ने कहा कि नवोदित
कलाकारोंं को मंच देकर उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने का काम प्रांगण रंगमंच करती है। उन्होंने कहा कि कोसी क्षेत्र में प्रतिभावान कलाकारों की कमी नहीं है। जरूरत है उन्हें उचित
मार्गदर्शन की। प्रांगण रंगमंच ऐसे कलाकारोंं के लिए मददगार साबित होता है। संस्था
के उपाध्यक्ष राकेश कुमार डब्लू ने संस्था का उद्देश्य बताते हुए लोगों को संस्था
से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. संस्था के संरक्षक सुकेश राणा ने आगामी कार्यक्रम
की जानकारी देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में
संस्था के संरक्षक अमित कुमार मोनी, मीडिया प्रभारी गरिमा उर्विशा,
विकास कुमार पलटू, कार्यकारी सदस्य मुरारी सिंह, देशराज दीप, विक्की विनायक, दीपक कुमार, रानू सिंह, बमबम कुमार, सुमन कुमार ने अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई. मौके पर
चेतन कश्यप, आशीष
सोना,
ध्यानी यादव, गुलजार कुमार बंटी, कुंदन कुमार बिक्रम, सावन गुरु, अब्यम ओनू सहित भारी संख्या में शहर के कला प्रेमी मौजूद
थे. इस अवसर पर प्रांगण रंगमंच ने झारखंड से आए हुए अतिथि चेतन कश्यप को विशेष रूप
से आभार प्रकट किया.
हिन्दी रंगमंच दिवस पर मधेपुरा में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 04, 2018
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