मधेपुरा
जिले के शंकरपुर प्रखंड मुख्यालय
स्थित शंकरपुर बाजार से पश्चिम निशिहरपुर मंदिर तक जाने वाली करीब पांच किलोमीटर
पक्की सडक़ की जर्जर सड़कें राहगीरों के राह का
रोड़ा बनी हुई हैं।
2009-10 में निर्माण के बाद से आज तक सड़क की मरम्मत तक नहीं की गई। आए
दिन राहगीर इन सड़कों पर गिरकर चोटिल होते रहते हैं। कई बार शिकायत के बावजूद न तो
जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान दिया और न ही अधिकारियों ने। लगातार बैमोशम बारिश
होने से ग्रामीण एवं राहगीरों के मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं। शंकरपुर से
निशिहरपुर शिव मंदिर को जोड़ने वाली सड़क की हालत यह है कि पता ही नहीं चलता सड़क में
गड्ढा है या फिर गड्ढे में सड़क। आए दिन लोग इन गड्ढों में फंसकर चोटिल होते रहते
हैं। पांच किमी लंबे इस मार्ग पर सफर करने में लोगों को पसीना आ जाता है।
कई बार क्षेत्रवासियों ने जनप्रतिनिधियों
से लेकर जिलाधिकारी तक से फरियाद की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। यही नहीं प्रखंड क्षेत्र के कई सड़कों को जोड़ने वाले मार्ग की भी हालत यही है। मार्ग की पटरियां जहां
क्षतिग्रस्त हो गई हैं तो वहीं सड़क में जगह-जगह गड्ढे राहगीरों की राह रोक रहे
हैं। बरसात का पानी गड्ढों में भर जाता है। जबकि प्रतिदिन दर्जनों गांवों के लोगों
को इस मार्ग से ब्लॉक, थाना,
अंचल, अस्पताल, बैंक आने के मुख्य मार्ग है.
ग्रामीण इरफान आलम, मुन्ना मंडल, भूमि
यादव, शिवू सरदार, महबूज आलम,
चन्द्रहास यादव, चंदेश्वरी यादव,
अर्जुन मंडल आदि ने अधिकारियों से अविलंब मार्ग की मरम्मत कराने की मांग
की है।
जर्जर सड़कें बनी राहगीरों के राह का रोड़ा, प्रशासन और जनप्रतिनिधि बेखबर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 15, 2018
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