मधेपुरा जिले के आँगनबाड़ी केन्द्रों का हाल सुधारने सरकार ने अनेक नियम बनाये
और जाँच के लिये पर्यवेक्षिकाओं का पद सृजित कर नियुक्तियां भी की, लेकिन स्थिति
में अपेक्षित सुधार नहीं हुए ।
जिलाधिकारी मु सोहैल ने 17 अप्रेल कॊ डेढ़ सौ से अधिक पदाधिकारियों से आँगनबाड़ी
केन्द्रों की जाँच करवाया । इन सब के
जाँच प्रतिवेदन के आधार पर बताया गया है
कि तेरह केन्द्र पूरी तरह बंद थे । जो केन्द्र खुले थे उनमें 26 में सेविका अनुपस्थित और 34 में सहायिका अनुपस्थित थी ।
जिलाधिकारी मु सोहैल ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी कॊ निदेशित किया है कि जिन केन्द्रों कॊ बंद पाया गया और
जिन केन्द्रों में सेविका और सहायिका अनुपस्थित पाई गई उनकी सेविका और सहायिका से
कारण पृच्छा कर जवाब से संतुष्ट नही होने पर पंद्रह दिन के अंदर उनकी चयन मुक्ति
की कार्यवाही की जाय ।
जिन केन्द्रों में चालीस बच्चों से कम पाया गया है उन केन्द्रों की मासिक व्यय
की राशि में कटौती कर वसूली की जाय, क्योंकि उन्हें चालीस बच्चों के बीच भौजनादि की राशि मिलती
है । जिन केन्द्रों में जाँच के दौरान बच्चे यूनिफॉर्म में नही पाये गये उन
केन्द्रों की सेविका से स्पष्टीकरण पूछा
जाय और अपेक्षित कारवाई की जाय ।
जिलाधिकारी ने सम्बन्धित पर्यवेक्षिका और बाल विकास पदाधिकारी से भी
स्पष्टीकरण पूछकर पंद्रह दिनों के अंदर जवाब माँगा है ।
मधेपुरा में बदहाल आँगनबाड़ी केन्द्रों पर कसी नकेल, हो सकती है चयनमुक्ति की कार्यवाही
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 21, 2018
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