धान के मामले में पहले जहाँ किसानों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा वहीँ इसके
बाद मक्का लगाकर उन्होंने घर की हालात सुधारने का प्रयास किया, लेकिन किस्मत ने यहाँ भी दगा दे दी.
महाजन से सूद पर रुपए लेकर या फिर बैंक से कृषि लोन लेकर मक्के की खेती की. जब मक्के के फसल
तैयार होने की बारी आई किसानों ने खेत में लगी मकई की फसल के बाली लगे भुट्टे को
जाकर देखा तो उसमें दाने नहीं पाए. मधेपुरा जिले के मुरलीगंज
प्रखंड अंतर्गत प्रखंड रजनी पंचायत के किसानों ने अपना दर्द बताया 1000 हेक्टेयर में मकई की खेती हुई, जिसमे करीब साठ एकड़ से
अधिक की मकई की फसल में दाने नहीं थे. 5 महीने इंतजार करने के बाद अब किसानों को आमदनी के आसार
नहीं दिख रहे हैं. किसानों ने बताया कि फसल अच्छी दिख रही थी, पर अब दाने नहीं
देखकर अधिकतर किसान अब खेतों में लगी फसल को पशु चारे के रूप में औने-पौने दामों
में बेचने को मजबूर हो रहे हैं. जहां किसानों को महाजनों के सुद एवं बैंक के कर्ज
के ब्याज लौटाने पहाड़ से दिख रहे हैं।
रजनी पंचायत के किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें मक्का का भी घटिया बीज उपलब्ध
कराया गया है. यही वजह है कि मकई में दाना नहीं आ रहा है । किसानों ने कृषि विभाग
पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी अनुज्ञप्ति प्राप्त खाद बीज दुकानदार नकली बीज एवं घटिया बीज सप्लाई की जाती है । लेकिन विभाग कोई कार्यवाही
नहीं
की जाती है. जानकार बताते हैं कि नियम है कि किसानों को बीज उपलब्ध
करवाने से पहले विभाग की जांच करें, लेकिन इस प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. अगर जांच
होती तो शायद आज किसानों की स्थिति नहीं होती। मकई की फसल में दाना नहीं आ रहा है
इसकी शिकायत मुरलीगंज प्रखंड के कृषि पदाधिकारी से भी की है. बहुत किसानों ने बताया कि यह डुमरिया चौक पर
किसान खाद बीज भंडार के मालिक पिंटू सिंह से उन्होंने बीज की खरीद की थी । कुछ
किसानों ने मुरलीगंज कार्तिक चौक के दुकानदार रंजीत कुमार से बीज खरीदी थी. बहुत
से किसानों ने बाजार के भिन्न भिन्न दुकानदारों का नाम बतलाया.
पर किसानों का रोना है कि हम किस आधार पर खाद बीज दुकानदारों से यह दावे करें,
क्योंकि बीज की खरीद पर दुकानदार किसानों को दुकान से खरीदे गए खाद बीज के असली
रसीद नहीं
देते हैं । दुकान की रसीद मांगने पर यह कहते हैं कि हमें खाद बीज नहीं बेचना है आप
दूसरी दुकान से खाद बीज ले जहां आपको खरीद की असली रसीद मुहैया की जाती है । बहुत
से किसानों ने अपना दुख दर्द बताते हुए कहा कि रजनी पंचायत वार्ड नंबर 9 के निवासी अनुज यादव की दो बीघा मकई, निरंजन यादव वार्ड
नंबर 9 में चार बीघा मकई, सदानंद यादव की एक बीघा मकई, सुरेश यादव
की ढाई बीघा मकई, सुरेंद्र यादव की एक बीघा मकई, मोहन साह की एक बीघा मकई, दशरथ यादव
की एक बीघा, प्रभाकर
यादव की 3 बीघा मकई, मोहरील साह की तीन बीघा, रिंकू शाह की एक बीघा मकई, महेंद्र यादव की 3 बीघा मकई, बुच्चन यादव की 2 बीघा मकई दाना विहीन हो चुकी है.
प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद कुमार श्रीवास्तव ने मामले में बताया कि इस तरह
के मामले की जानकारी सिर्फ मधेपुरा जिले या मुरलीगंज प्रखंड में ही नहीं बिहार में
बहुत सारे जगहों से आ रही है, क्योंकि जिस समय मकई में परागण की क्रिया होनी थी उस
समय बहुत ज्यादा ठंड पड़ने के कारण इस पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा जिसके कारण मक्का
की फसल दाना विहीन हो चुकी है। हम कृषि सलाहकार द्वारा मामले की जांच कर रिपोर्ट
जिला को भेज देंगे. अनुदान देना या फ़सल क्षति पर सहायता उपलब्ध करवाना सरकार का काम है. सरकार के दिशा
निर्देश के आधार पर ही कुछ भी संभव हो पाएगा. जहां तक किसानों को बीज एवं खाद की
खरीद पर उचित मूल्य के रसीद उपलब्ध नहीं करवाए जाने पर कहा कि मामले की जांच कर इस
दिशा में आवश्यक कार्यवाही ऐसे दुकानदारों के खिलाफ अवश्य की जाएगी.
जिले में कई जगह मक्के के बाली में नहीं आया दाना, किसान परेशान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 05, 2018
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