
इस मौके पर उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए वार्ड पार्षद मनीष कुमार ने
कहा कि प्रांगण रंगमंच की ओर से किया जा रहा कार्य सराहनीय है। इससे मधेपुरा के
बच्चों में भी रंगमंच की ओर दिलचस्पी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रंगमंच के क्षेत्र
में भी काफी संभावनाएं हैं। कुंदन कुमार ने कहा कि कामयाबी का कोई शार्टकट नहीं
होता,
इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। प्रांगण की ओर
उठाया गया यह कदम सराहनीय है।
संरक्षक सुकेश राणा, उपाध्यक्ष राकेश कुमार डब्लू ने कहा कि धीरे-धीरे रंगमंच की ओर लोगों का रुझान
कम हो रहा है, इसका
मुख्य कारण है निचले स्तर पर रंगमंच का कार्मिशियली नहीं होना। इस क्षेत्र में काम
करने वाले लोगों को उनके कला को उचित सम्मान नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि
व्यवसायिक रूप से रंगमंच को जोड़ने से इसमें भी अच्छा कैरियर बन सकता है। सरकार की
ओर जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए नुक्कड़ नाटक करवाया जाता है। इन
सभी कार्यक्रमों में भाग लेकर कालाकार आगे बढ़ सकते हैं। प्रशिक्षक विपुल कुमार ने
कहा कि नौ दिवसीय कार्यशाला में भारत के नौ नाट्य शैलियों के बारे में बताया
जाएगा। इसमें छऊ और कलरी नृत्य शैली का प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रदर्शन किया
जाएगा।
रंगमंच के अध्यक्ष संजय परमार ने उद्धाटन सत्र का संचालन किया। कार्यकरिणी
सदस्य विक्की विनायक, मुरारी सिंह, देशराज दिप अक्षय कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। मौके पर सुनीत साना,
दिलखुश, ब्रजेश कुमार, मनोहर कुमार, गरिमा उर्विशा, अाशीष कुमार सत्यार्थी, सुमन कुमार, बमबम कुमार, लिजा मान्या, विद्यांशु, अनमोल कुमार, सब्यम, दिब्यांशु, मनीष, जीवन कुमार, अभिषेक सोनी, अनुप्रिया कुमारी आदि उपस्थित थे ।
सराहनीय: नाट्य कार्यशाला से निखरेगी मधेपुरा के कलाकारों की प्रतिभा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 04, 2018
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