मधेपुरा की एक अदालत ने जिला परिषद सदस्य रोहित सोरेन उर्फ़ चन्दन यादव को ठगी
के मामले में दो अलग धाराओं में आज 7-7 साल की सजा सुना दी है. मामला मधेपुरा जिला के चौसा थाना कांड संख्या 166/ 2016 में ठगी के एक मामले से जुड़ा है.
घटना उच्च न्यायालय पटना में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर नियुक्ति के लिए
की गई ठगी से संबंधित है जिसमें चौसा के दीपक कुमार पासवान ने मामला दर्ज कराया था
कि रोहित सोरेन उर्फ़ चन्दन यादव, पिता- गजेन्द्र यादव उर्फ़ गजेन्द्र सोरेन, घर-
लौआलगान, थाना- चौसा, जिला-मधेपुरा ने पटना उच्च न्यायालय में चतुर्थवर्गीय
कर्मचारी पर नियुक्ति के लिए उनसे ₹50000 लिए तथा उन्हें जाली कागजात सौंप दिए. बाद में सूचक को पता
चला की उन्हें ठग लिया गया.
मुकदमे की सुनवाई मधेपुरा के विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट सह प्रथम अपर
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमण कुमार की अदालत ने की और संकलित साक्ष्यों के आधार
पर रोहित सोरेन को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 भारतीय दंड संहिता में सात वर्ष साधारण कारावास, धारा 468 भारतीय दंड संहिता में भी 7 वर्ष तथा धारा 471
भारतीय दंड संहिता में 3 साल की सजा सुना दी.
सूचक दीपक कुमार पासवान ने आरोप लगाया था कि उनसे नौकरी के नाम पर ₹50000
झांसा देकर रोहित सोरेन ने अपने खाते में हस्तांतरित करवा
लिया और उन्हें नियुक्ति पत्र तक दे डाला. बताते हैं कि ठगी पटना उच्च न्यायालय के
नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनाकर किया गया था. रोहित पर फर्जी तरीके से जाति बदलकर
चुनाव लड़ने का भी आरोप है.
बाद में जब पीड़ित दीपक पासवान
नियुक्ति पत्र लेकर पटना उच्च न्यायालय पहुंचे तो वहां बताया गया कि उनके कागजात
जाली हैं, यहां से सीधे चले जाओ नहीं तो जेल जाना पड़ेगा. दीपक कुमार पासवान जब रोहित
सोरेन उर्फ़ चन्दन यादव के पास पहुंचकर गरीबी की गुहार लगाते अपने रूपये वापस मांगे
तो रोहित ने गाली गलौज करते उसे जान से मार देने की धमकी दी. पर कानून का शिकंजा
ऐसा कसा कि अब रोहित को लम्बे समय के लिए जेल की हवा खाने भेज दिया गया है.
*संशोधित विवरण: रोहित सोरेन को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 भारतीय दंड संहिता में सात वर्ष साधारण कारावास तथा पचास हजार रूपये जुर्माना, धारा 468 भारतीय दंड संहिता में भी 7 वर्ष साधारण कारावास तथा पचास हजार रूपये जुर्माना व धारा 471 भारतीय दंड संहिता में 3 साल की साधारण कारावास की सजा तथा पचीस हजार रूपये जुर्माना दी गई है. धारा 420 और 471 भारतीय दंड संहिता की सजा साथ-साथ जबकि धारा 468 भारतीय दंड संहिता की सजा अलग से चलेगी. इस तरह इस निर्णय के अनुसार रोहित सोरेन को कुल चौदह वर्ष की साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. कोई भी जुर्माना नहीं भरने पर उसके लिए छ:-छ: महीने कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी.
*संशोधित विवरण: रोहित सोरेन को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 भारतीय दंड संहिता में सात वर्ष साधारण कारावास तथा पचास हजार रूपये जुर्माना, धारा 468 भारतीय दंड संहिता में भी 7 वर्ष साधारण कारावास तथा पचास हजार रूपये जुर्माना व धारा 471 भारतीय दंड संहिता में 3 साल की साधारण कारावास की सजा तथा पचीस हजार रूपये जुर्माना दी गई है. धारा 420 और 471 भारतीय दंड संहिता की सजा साथ-साथ जबकि धारा 468 भारतीय दंड संहिता की सजा अलग से चलेगी. इस तरह इस निर्णय के अनुसार रोहित सोरेन को कुल चौदह वर्ष की साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. कोई भी जुर्माना नहीं भरने पर उसके लिए छ:-छ: महीने कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी.
(वि. सं.)
चला क़ानून का डंडा: मधेपुरा में जिला परिषद् सदस्य रोहित सोरेन को 7-7 साल की सजा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 08, 2018
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