बिहार
में शिक्षा की स्थिति कितनी चरमराई हुई है इसे केवल आंकड़ों के माध्यम से नहीं जाना
जा सकता है. फिर भी, मोटे
तौर पर यह हमें यहां के शिक्षा की गिरती सेहत को समझाने में मदद ज़रूर करती है.
बिहार
के ग्रामीण इलाके मे शिक्षा की बदहाली का एक और मामला सामने आया है. मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड क्षेत्र के सपरदह पंचायत स्थित
उत्क्रमित मध्य विद्यालय तिरासी जहाँ नामांकित छात्रों की संख्या 511 हैं,
वहीं बच्चे की उपस्थिति धरातल पर मात्र 109 की है,
जबकि कागजी उपस्थिति 12
बजे तक दर्ज नहीं की गयी थी.
विद्यालय
में कुछ ही छात्र-छात्राएं उपस्थित थी. और एक भी कक्षा में गुरूजी नजर नहीं आ रहे
थे. जहां वर्ग में एक छात्र ही वर्ग संचालन कर रहा था. कुछ देर में वहां सहायक
शिक्षक पहुंचे उनसे पूछे जाने पर सहायक शिक्षक मनोज कुमार ने टालते हुए इस अंदाज
में बताया कि बच्चे इधर- उधर चले गए होंगे. अब सवाल ये उठता है कि इतने सारे बच्चे
एक साथ कहाँ चले जाते हैं, जिसकी खबर सहायक शिक्षक को नहीं होती है? क्या
सहायक शिक्षक की बातों में सच्चाई है या फिर वे बनावटी बातों को घुमा रहें हैं?
उत्क्रमित
मध्य विद्यालय तिराशी में कुल 5
शिक्षक पदस्थापित होने के वावजूद भी मात्र एक शिक्षक के सहारे ही
विद्यालय संचालित हो रहा था. यहां सोचनीय विषय यह है कि एक ही शिक्षक कैसे वर्ग 1
से लेकर वर्ग 8 तक के बच्चों को शिक्षा
प्रदान करते हैं? अगर ये संभव है तो फिर तो हमारी सरकार
को ऐसा ही करना चाहिए जिससे सरकार के खाते का व्यय भी कम जाएगी. वहीं प्रत्येक
विद्यालय में मात्र एक ही शिक्षक को पदस्थापित कर बांकी के तीन चार या पांच शिक्षक
को हटा देना चाहिए. क्या बच्चों को विद्यालय परिसर में सिर्फ घेर कर रखने का नाम
ही शिक्षा है? कब तक विद्यालय के एचएम या सहायक शिक्षक
ऐसा करते रहेंगे? क्यों नहीं बच्चे विद्यालय से भाग कर घर
को जाएंगें? आप सोच कर देखिये शायद आपको इस सवाल का जबाब
मिल जाएगा. अगर विद्यालय परिसर में साफ सफाई की बात करें तो शिक्षक द्वारा नए नए
बहाने जो शायद इन लोगों के द्वारा ही ईजाद की गयी है. तो बात यह है कि क्या बहाने
से काम चल पाएगा?
जहां
सरकार इतने बड़े-बड़े दावे कर रही हैं,
वहीं उपस्थित सहायक शिक्षक से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की एक
शिक्षक छुट्टी में हैं एवं तीन शिक्षक बीएलओ के कार्य में गये हुए हैं. इस बाबत
वरीय बीआरपी मणिराम से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि आपके द्वारा उक्त मामले की जानकारी मिली
है. मामले की तहकीकात कर वरीय पदाधिकारी को कार्रवाई के लिए लिखा जायेगा.
गुरू के बदले चेला चला रहा विद्यालय, एक ही शिक्षक के कंधे पर पूरे विद्यालय का भार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 28, 2017
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