
इस दौरान सेमिनार के मुख्य अतिथि शालीग्राम झा ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए
कहा कि अगर इस महाविद्यालय में अगर व्यवसायिक शिक्षा की शुरूआत हो जाय तो में भी
इसमें आकर प्रशिक्षण लेना चाहूंगा. उन्होने कहा कि इस महाविद्यालय का मिशन दूर-दूर
तक पहुँच रहा है. अति पिछड़े क्षेत्र में यह महाविद्यालय शिक्षा का
अलख जगाकर यहाँ के
मेधावी छात्रों का भविष्य उज्जवल करने में इनकी योगदान सराहनीय है.

वहीं सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित लोगों को अपने संबोधन में डा0
माधवेन्द्र झा ने कहा कि आज संगोष्टी के दूसरे दिन इतने
विद्वत जनों को इस महाविद्यालय में देखकर वे उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं
। उन्होने छात्रों के चरित्रवान बनने लिए प्रयास करने का अह्वान किया । उन्होने
छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कहा कि अठ्ठारह वर्ष की आयु प्राप्ति उपरान्त उन्हे
भी अपने स्तर से प्रयास करना चाहिए की वे रोजगारोन्मुखी बनें । वहीं अपने संबोधन
में उन्होने कहा कि माननीय कुलपति ने अगले सत्र से इस महाविद्यालय में बी बी ए एवं
बी सी ए की पढ़ाई शुरू करने का भी सैद्धान्तिक अनुमति दे दी है । उन्होने कहा कि सम्पन्नता
में तो सभी कार्य करते है मगर यू भी के कॉलेज की तरह विपन्नता में कार्य करना महान
बात है एवं यही इस महाविद्यालय का शासन एवं अनुशासन है । डा0
झा ने कहा कि अगले रविवार से ही सभी छात्र/छात्राओं को
कम्प्यूटर की मुफ्त शिक्षा दी जायेगी । संगीत की शिक्षा तो यहाँ शुरू से ही दी जा रही
है । उन्होने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को इस सुविधा से लाभान्वित
होने में सहयोग करें ।
संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डा0
अरूण ने विस्तार पूर्वक अपने विचार व्यक्त करते हुए
अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डा0 अरूण ने विस्तार पूर्वक अपने विचार व्यक्त किए तथा कई महत्वपूर्ण
सुझाव दिए जिससे रोजगारोन्मुखी शिक्षा की तरफ बच्चों का रूझान हो । वहीं डा0
अरूण ने छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों की जिम्मेदारियों पर भी विस्तार से
वर्णन किया वहीं इस दौरान महाविद्यालय की छात्रा दिव्या के द्वारा प्रस्तुत
राजस्थानी नृत्य एवं महाविद्यालय के छात्र अभिषेक के द्वारा कृष्ण सुदामा नाट्य
प्रस्तुति ने सेमिनार में उपस्थित लोगों का मन मोह लिया । वहीं विभिन्न जिलों से
आये हुए शोधार्थियों ने भी सेमिनार में अपने शोध का विस्तृत वर्णन किया. साथ हीं शोधार्थियों
द्वारा उपस्थित छात्र/छात्राओं को उच्च एवं रोजगार परक व्यवसायिक शिक्षा से होने
वाले लाभ के साथ-साथ इस शिक्षा को प्राप्त करने का गुर भी बताया गया.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
‘18 वर्ष की आयु के बाद रोजगारोन्मुखी होने का प्रयास करें’: राष्ट्रीय सेमिनार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 07, 2017
Rating:
