

महिला अनशनकारी शिवांगी कुमारी ने आरोप लगाया कि भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र से अब
मैं सभी पदाधिकारियों के साथ उच्च न्यायालय में ही मिलूंगी और वहीँ से कौन सही है
और कौन गलत और गलत जन्म प्रमाण पत्र जारी करने वाले पदाधिकारी की बर्खास्तगी के
साथ-साथ समुचित कानूनी कार्रवाई की मांग करूंगी। साथ ही प्रमाणपत्र की फोरेंसिक
जांच के लिए भेजने का अनुरोध करूंगी।
बताया गया कि छः दिनों से आमरण अनशन पर बैठी शिवांगी ने कहा कि पदाधिकारियों
ने जाली प्रमाण पत्र बना कर उसे निर्वाचन कार्यालय भेजा या नहीं भेजा, यह तो हम
नहीं जानते क्योंकि प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जिस क्रम संख्या 213 पर अपने पत्रांक 1058 दिनांक 14 /10/17 में राजेश कुमार पिता रविंद्र कुमार पासवान माता का नाम अमृता
देवी जो फर्जी प्रमाण पत्र होने के बाद जांच रिपोर्ट भेजी है, जांच रिपोर्ट में
संलग्न जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी अब तक हमें नहीं उपलब्ध करवाया गया जबकि उसकी प्रति और सारे कागज उपलब्ध करवाए गए. आखिर माजरा क्या है ?
औपचारिकतावश अंचलाधिकारी शशिभूषण कुमार और थानाध्यक्ष बी डी पंडित ने
धरनार्थियों के निकट पहुंचकर अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया. 6 दिनों से चला आ रहा अनशन बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो
गया. आरोप लगाया गया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी गलती छुपाने के लिए पिछले 6 महीने में एक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र को सत्यापित कर भेज
तो दिया लेकिन उसकी कापी अनशनकारियों को पिछले छ: दिनों से उपलब्ध नहीं करवा सके.
शिवांगी ने यह भी आरोप लगाया कि कापी उपलब्ध कराने पर फर्जी प्रमाण पत्र
निर्गत करने की पोल खुल जाती और वह बेनकाब हो जाते, जिस कारण यह प्रमाण पत्र देने
में जिले से लेकर के प्रखंड तक के पदाधिकारी खामोशी से तमाशा देखते रहे और
अनशनकारियों पर उल्टे मुकदमा दर्ज करवा कर उन्हें परेशान करने की मन बना लिया।
शिवांगी ने तोड़ा अनशन, नहीं दी गई प्रमाणपत्र की कॉपी: जाएगी उच्च न्यायालय
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 21, 2017
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