

अनशन
पर बैठी शिवांगी कुमारी ने बताया कि नगर निकाय चुनाव 2017
में मुरलीगंज वार्ड नंबर 14 से वह चुनाव
लड़ रही थी और उसी वार्ड से उषा देवी भी चुनाव मैदान में थी. शिवांगी कुमारी ने बताया कि ऊषा कुमारी को कुल सात बच्चे हैं
जिसमें उसकी बेटी विभा कुमारी का जन्म 2008
में हो हुआ था जबकि 2009 में एक पुत्र
कार्तिक कुमार का जन्म हुआ. उधर निर्वाचन आयोग द्वारा नगर निकाय चुनाव के
निर्धारित नियमावली के अनुरूप शिवांगी कुमारी ने आरोप लगाया कि उषा देवी का चुनाव
इस आधार पर रद्द हो जाना चाहिए, क्योंकि निर्वाचन आयोग की
नियमावली में 2008 के बाद अगर तीसरी संतान का जन्म होता
है तो वह नगर निकाय चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं. इसलिए जब उसने साक्ष्य छुपाकर
यह चुनाव जीती है तो उस की उम्मीदवारी रद्द की जानी चाहिए.
इसी
आधार पर शिवांगी कुमारी दिनांक 15/
11/ 2017 से आमरण अनशन पर बैठी है. शिवांगी कुमारी ने जानकारी
देते हुए बताया कि जब चुनाव परिणाम घोषित भी नहीं हुए थे उसी समय मैंने दिनांक 7/7/17
को
नगर निकाय के निर्वाची
पदाधिकारी एवं जिला निर्वाचन पदाधिकारी को इस विषय में लिखित जानकारी सारे साक्ष्य
के साथ उपलब्ध करवाई थी. और यह बात चुनाव परिणाम आने से पहले सबों को बताने और
उसपर कार्रवायी की मांग की थी. पर इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम पिछले 6
महीने के उपरांत भी नहीं उठाया गया. मजबूरन हमें न्याय के लिए
आमरण अनशन पर बैठना पड़ा.
15
तारीख को आमरण अनशन पर बैठने के बाद कोई भी सरकारी पदाधिकारी इस
बात की सुधि लेने तक नहीं पहुंचे हैं. 16 तारीख को सिर्फ
डॉक्टर राजेश कुमार ने आकर स्वास्थ्य परीक्षण किया. 17 तारीख
को 8:00 बजे रात्रि में अंचल अधिकारी शशि भूषण कुमार
पहुंच कर आमरण अनशन पर बैठे शिवांगी कुमारी और उनके सहयोग में बैठे दो और आमरण
अनशनकारी विजय यादव, वार्ड नंबर 8 के पूर्व वार्ड पार्षद एवं जाप युवा के नगर अध्यक्ष बिट्टू सिंह के धरना स्थल पर पहुंच कर उन सारे साक्ष्य का
अवलोकन किया. एक छोटे से जांच को 6
महीने तक मुरलीगंज नगर पंचायत के कार्यपालक द्वारा लगाए जाने पर
अफसोस जाहिर किया.
शिवांगी
कुमारी ने बताया कि इस मामले में राज्य निर्वाचन कार्यालय से दो पत्र निर्गत किया
जा चुका है. निर्वाचन आयोग के पत्रांक स.नि 50-135/2017-3383
जो दिनांक 17/ 7/17 को संयुक्त सचिव
राज्य निर्वाचन आयोग से इसी मामले को लेकर जिला पदाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी
नगर पालिका मधेपुरा को भेजा गया गया था. दूसरा पत्र स•न
नि 50-135/2017-3776 जो दिनांक 28/ 8/17 को इसी आलोक में जांच रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया लेकिन कार्यपालक
एवं जिले के पदाधिकारी शायद किसी इशारे का इंतजार कर रहे थे जो अब तक 6 महीने के उपरांत भी जन्म से संबंधित जांच प्रतिवेदन नहीं भेज पाए थे.
आज
सुबह से ही शहर बहुत सारे लोग प्रशासनिक
कोताही पूर्ण रवैया और अनशन पर बैठी गर्भवती महिला के समर्थन में आकर मुरलीगंज से होकर गुजरने वाली
एनएच 107 बेंगा पुल
के पास आवागमन को अवरुद्ध कर सड़क जाम कर दिया. 8:00
सुबह बजे से लेकर 3:00 बजे तक प्रशासनिक
अधिकारियों ने इसकी सुधि नहीं ली और जाम लगा रहा. जाम में परेशान यात्री एवं
मालवाहक वाहनों का ट्रक, बस, टेंपो
और सभी यात्री परेशान रहे. लेकिन जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक इस
मामले में पहल नहीं किया गया. यहां तक कि स्थानीय लोगों ने दबी जुबान से यह कहना
प्रारंभ कर दिया कि एक छोटे से रिपोर्ट को दबाकर जानबूझकर अभी तक मामले को घसीटा
जा रहा है. जबकि शिवांगी कुमारी स्पष्ट रूप से कही कि जब निर्वाचन आयोग के दो
पत्रों का जवाब देने में और एक छोटे से जन्म प्रमाण पत्र को जांच करने में 6
महीने से ऊपर लग गए तो यह प्रजातंत्र या लोकतंत्र है, किस काम का है?
शिवांगी कुमारी का कहना है कि हमने आरटीआई ( Right to
Information ) से भी उनके अंतिम पुत्र कार्तिक कुमार के जन्म
प्रमाण पत्र की कॉपी नगर पंचायत से मांगी पर उन्होंने उपलब्ध नहीं करवाई और अब
फर्जी तरीके से गलत रिपोर्ट भेज कर निर्वाचन आयोग एवं जिला पदाधिकारी को भी भ्रम
में डाल रहे हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि मुझे नगर पंचायत के द्वारा निर्गत
पंजीयन संख्या में 213 राजेश कुमार, पिता रविंद्र पासवान, माता अमृता देवी अंकित
है. इस सत्यता की जांच जिले के वरीय पदाधिकारी हमारे सामने करें. और इसे फॉरेंसिक
लैब में जांच के लिए निर्गत करें. जिससे पता चल पाए कि यह कब का और कैसे बना हुआ
है. हम आमरण अनशन तोड़ने के लिए तैयार हैं.
आमरण
अनशन समाचार लिखने तक जारी है और आमरण अनशन पर बैठी शिवांगी कुमारी की स्थिति
बिगड़ती जा रही है और सहयोग में बैठे विजय यादव ने बताया कि मैंने अस्पताल अधीक्षक
से बात कि उन्होंने कहा कि इन्हें उठाकर अस्पताल भेजिए. लेकिन हमलोग ऐसा नहीं
करेंगे कुछ भी होगा तो धरना स्थल पर ही होगा.
शिवांगी के आमरण अनशन का चौथा दिन: समर्थन में लोगों ने किया एनएच जाम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 18, 2017
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