मधेपुरा
में वर्षों से सहरसा-पूर्णियां एन एच 107 मुख्य मार्ग की स्थिति है बेहद ख़राब. जानलेवा साबित हो रहा है मुख्य मार्ग और मुख्य मार्ग पर बने
बड़े-बड़े गढ्ढे दे रहे हैं मौत
को आमंत्रण.
इस वजह से अब तक एक दर्जन से अधिक सड़क दुर्घटना हो
चुकी है.
ये सड़क पर बने गढ्ढे हैं या गढ्ढे में तब्दील है
सड़क,
अंदाजा लगाना होगा भारी मुश्किल.
किसी तरह हिचकोला खाते भगवान् भरोसे मुख्य मार्ग पर वाहन चलते हैं. हालाँकि मधेपुरा के डीएम मो. सोहैल ने कई बार एन एच
विभाग के निदेशक
बेगुसराय और पूर्णियां प्रमंडल को पत्र
लिखा है बावजूद
कोई कार्यवाही
नहीं हो रही है. जिला प्रशासन के अधिकारी
कर रहे हैं बड़ी सड़क दुर्घटना का इंतजार.
एसडीएम
संजय कुमार निराला ने कहा कि
बार-बार लिखे जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है और ऐसे में सड़क
हादसे के बाद विभागीय कार्यपालक पर
अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
जानकारी
के अनुसार मधेपुरा और मुरलीगंज के बीच जीतापुर वार्ड संख्या एक तथा भतखोरा पंचायत
के द्वारिका टोला
के समीप और पड़वा-नवटोल के पास मुख्य मार्ग पर बना बड़े-बड़े गढ्ढे दे रहा है मौत को
आमंत्रण. अब तक उक्त सड़क पर एक दर्जन से अधिक सड़क दुर्घटना हो चुकी है और आने-जाने वाले
राहगीर समेत वाहन चालक काफी परेशान
हैं. इस बाबत स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. लोग स्थानीय सांसद पप्पू
यादव समेत जिला प्रशासन से पिछले कई माह से लगातार इस मामले को लेकर गुहार लगा रहे
हैं लेकिन विभागीय अधिकारी की
कुंभकर्णी नींद नहीं खुल रही है. वहीँ सीपीआई नेता प्रमोद
प्रभाकर ने कहा इस मामले को लेकर जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारी के विरुद्ध अब
होगी आर-पार की लड़ाई.
सड़क पर किया जाएगा आमरण अनशन.
इस
गंभीर मामले को लेकर जब मधेपुरा टाइम्स ने उठाया स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारी
से सवाल,
तो जिले के एसडीएम संजय कुमार निराला ने दी अपनी सफाई
कहा इस मामले को लेकर खुद डीएम मो.सोहैल साहब ने कई बार स्थानीय विभागीय अधिकारी
के साथ बैठक कर सड़क मरम्मत हेतु सख्त
निर्देश दिया है और विभागीय वरीय अधिकारी को भी कई बार
पत्र भेजा
गया है. मुझे
जहाँ तक जानकारी है कि जब से एन एच 107 एन एच 31 में तब्दील हुआ है तब से इन दोनों
कार्यपालक अभियंता में सामंजन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि एक बात
तो जान लीजिये अगर कोई बड़ी सड़क दुर्घटना हुई तो कार्यपालक पदाधिकारी पर होगी अपराधिक
मुकदमा दर्ज.
बहराल
देखना दिलचस्प
होगा आखिर कब तक होता है इन समस्याओं का निदान और कितने लोग सड़क मार्ग पर होंगे
चोटिल और कितने मौत के मुंह में चले
जाते हैं. सवालों के कटघरे में खड़े हैं विभागीय अधिकारी और
मंत्रालय.
मौत को आमंत्रण देता सहरसा-पूर्णियां एन एच 107 मुख्य मार्ग, कुम्भकर्णी नींद में विभाग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 04, 2017
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