हिंदी और उर्दू सगी बहनें हैं। दोनों एक-दूसरे की पूरक हैं। यह बात मधेपुरा के
भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. अवध किशोर राय ने
कही।
वे गुरुवार को विश्वविद्यालय कैम्पस
में स्नातकोत्तर उर्दू विभाग को आवंटित भवन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। कुलपति
ने कहा कि वे चाहते हैं कि विश्वविद्यालय में अधिकाधिक विषयों की पढाई हो। साथ ही
सभी भाषाओं की पढाई एक ही जगह कराने हेतु प्रयास जारी हैं। यहाँ एक इन्टरनेशनल
लैंग्वेज सेंटर की भी स्थापना की जाएगी। जल्द ही साइंस ब्लाक में विज्ञान के सभी
विषयों को एक साथ लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी कक्षा में आएं। शिक्षकों के ज्ञान का समुचित लाभ
उठाएं। शिक्षक भी तैयारी करके कक्षा में जाएं और विद्यार्थियों को कक्षा में लाने
का प्रयास करें।
प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. फारूक अली ने कहा कि उर्दू तहजीब की भाषा है। यह
हिन्दुस्तानी भाषा है। यह किसी खास मजहब की जबान नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्ञान शक्ति है। भाषा शक्ति है। इसलिए अधिकाधिक
भाषाएं सीखें। सभी भाषाओं के बीच परस्पर लगाव हो।
विभागाध्यक्ष डॉ. फसीहउद्दीन अहमद ने
कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में स्नातकोत्तर उर्दू विभाग को भवन आवंटित होने से पठन-पाठन आसान होगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन का यह एक ऐतिहासिक काम किया है।
डॉ आई एम रहमान ने अपनी कविता के जरिये उर्दू विभाग की स्थापना के लिये कुलपति
के प्रति कृतज्ञता जाहिर किया
इस अवसर पर आयोजित समारोह का संचालन डॉ अबुल फजल ने किया । इस अवसर पर काॅलेज
इसपेक्टर डॉ. अरूण कुमार, उप कुलसचिव शैक्षणिक डॉ. नगेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ.
अरूण कुमार, प्रो. शैलेन्द्र
कुमार, डॉ. सुधांशु शेखर, शंभु नारायण यादव, संतोष कुमार, नरेश भारती
इत्यादि उपस्थित थे।
सगी बहनें हैं हिन्दी और उर्दू – कुलपति: स्नातकोत्तर उर्दू विभाग का हुआ उद्घाटन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 21, 2017
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