

एनएच के किनारे बसे
दर्जनों परिवार के सैकड़ों घरों में बाढ का पानी जमा हो गया है। रामपुर- मीरगंज
रेलवे ढाला के समीप वार्ड नंबर 10 के समीप बसे बस्तियों में हाहाकार मचा हुआ है।
बाढ़ की आशंका को
लेकर स्थानीय लोगों के बीच भय का माहौल व्याप्त है। मुरलीगंज प्रखंड मुख्यालय से
गंगापुर पंचायत के मेवाड़ा टोला को जोड़ने वाली सभी सड़के बाढ़ के पानी के चपेट में
है। जिस कारण पंचायत वासियों को आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है। टोले के करीब 500 घरों में पानी जमा हो गया है।
युवा जदयू
जिलाध्यक्ष रूपेश कुमार गुलटन ने
जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन से पीड़ित लोगों
के बीच राहत सामग्री और जरूरत की वस्तुओं को उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

आदिवासी बस्तियों
में पानी के प्रवेश कर जाने के कारण उनलोगों का सारा खाद्य सामग्री पानी में मिल
चुका है। जिस कारण उनलोगों के बीच भोजन की समस्या विकराल हो गई है। चारों और पानी ही
पानी की वजह से पीड़ित परिवार को रेलवे टैक का ही एक आसरा बचा है जो खतरे से खाली नहीं है।
वार्ड नंबर 5 स्थित केवट टोला को भी सुरसर नदी अपने आगोस में लेना
प्रारंभ कर दिया है। पीड़ित परिवार उंचे स्थानों की और पलायन करने लगे हैं।
दीनापट्टी रेलवे ढाला के बाद मधेपुरा की तरफ टपरा टोला रामपुर वार्ड नंबर 1 के पास भी एनएच को क्रॉस कर पानी के दूसरी तरफ गिर रहा है।
बुधवार की संध्या
जिला पदाधिकारी मोहम्मद सोहैल, अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार निराला,
प्रखंड विकास पदाधिकारी ललन कुमार चैधरी ने प्रभावित इलाके
का जायजा लिया है। पदाधिकारियों ने तत्काल बाढ़ निरोधी कार्य करने का निर्देश
संबंधितों को दिया है।
मुरलीगंज में बलुआहा और बैंगा नदी के उफनाने के बाद कई बस्तियों में हाहाकार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 16, 2017
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