राज्य का विद्युत बोर्ड, प्रशासन और विद्युत उपभोक्ता अभी हाल तक जिस मर्ज से सर्वाधिक पीड़ित थे, वह है तारों की चोरी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रो में पोल से मीलों तक चोर तार काट कर बेच लिया करते थे।
इसके कारण ही ग्रामीण विद्युतीकरण कार्य में वर्षों लग गए, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। तार चोरों को संगठित गिरोह कई बार पकड़ा भी गया, लेकिन फिर भी तार चोरी जारी रही।
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब जिस तार से विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है, उस काटने से तार चोरों को कोई लाभ नहीं होगा। तार को एल्यूमीनियम में तब्दील करने के लिए जब इसे गलाया जाएगा तो यह गलने के बदले राख बन जाएगा । इससे एल्युमिनियम फैक्ट्री वालो को कोई लाभ नहीं मिल सकेगा।
यह जिलाधिकारी मु सोहैल ने बताया कि अब न सिर्फ ऐसी ही तार से विद्युतीकरण किया जा रहा है बल्कि पुराने तारों को इसी तार से बदला जा रहा है। इसके लिए उन्होंने स्थानीय तौर भी इस तार को उच्च तापक्रम पर गलवा कर देखा है। आप भी इस वीडियो को देख कर संतुष्ट हो सकते हैं।
(वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.)
‘बिजली की तार चोरी अब निरर्थक, गलने पर बन जाएगा राख’: जिलाधिकारी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 21, 2017
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