
रसोइया संघ की मुख्य मांग थी कि सभी रसोइया को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए और नियमित किए जाने तक सभी वर्कर्स को 12 महीने प्रतिमाह 18000 रूपये की दर से वेतन दिया जाए. कहा कि राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन की सिफारिस के अनुसार ग्रेच्यूटी, पेंशन प्रोविडेंट फंड, मेडिकल सुविधा सहित तमाम सामाजिक सुरक्षा लाभ सभी रसोइयों को दिया जाए सभी कार्यरत रसोइयों में किसी को ना हटाया जाए और हटाए गए रसोइया को काम पर वापस लिया जाए. सभी स्कूलों में साफ सुथरा तथा नए किचन सेट का व्यवस्था की जाए. रसोईया के घायल होने पर एक लाख रुपया तथा मृत्यु होने पर 5,00,000 रूपये सहायता राशि के रूप में प्रदान किया जाए, स्कूलों में बच्चे को ताजा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए ठेकेदार तथा गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एमडीएम के संचालन पर रोक लगाया जाए, जीविका दीदी को एमडीएम योजना से अलग किया जाय.
मौके पर मधेपुरा सदर एसडीओ संजय कुमार निराला तथा थानाध्यक्ष मनीष कुमार अपने दल बल के साथ समाहरणालय गेट पर प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर हटाया गया. वहीं प्रदर्शन तथा घेराव में रसोईया संघ के राज्य अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, जिला संयोजक रसोईया कार्यकर्ता संघ गणेश मानव तथा सैंकड़ों महिला मौजूद थे.
एमडीएम रसोईया संघ ने समाहरणालय के सामने किया विशाल प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 08, 2017
Rating:
