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सभी फोटो: मुरारी सिंह |
गुरुवार को लगातार हुई बारिश ने जहां जिला मुख्यालय शहर को पानी पानी कर दिया वहीं गांव के किसान मूंग की फसल से अब नाउम्मीद हो गए।
मकई की तैयार फसल भींग गई और तैयार हो रही फसल में अंकुरण का खतरा बढ़ गया।
गुरुवार को लगातार हो रही वर्षा झमाझम से शुरू हुई और थोड़ी ही देर में लबालब में बदल गई। स्थिति यह है कि अब अगर और वर्षा हुई तो फिर शहरवासी और भी मुसीबत के शिकार होंगे।
दरअसल नगर परिषद को अभी अपने पुराने नाले की सफाई की सूझी है। पूर्णियां गोला से कर्पूरी चौक तक पुराने नाले का सारा मलवा सड़क पर बिखरा है। वर्षा के कारण इस होकर पैदल चलना दूभर हो चुका है। यहां वार्ड न.19 और 20 के लोग सबसे मुसीबत में है। मुख्य मार्ग के पूरब निर्मित नए नाले को कर्पूरी चौक तक बना कर छोड़ दिया गया है। इसके कारण इस नाले का सारी गंदगी ओवर फ्लो कर वार्ड न.19 के लोगों के घरों में घुस रही है।
गुरुवार को लगातार हो रही वर्षा झमाझम से शुरू हुई और थोड़ी ही देर में लबालब में बदल गई। स्थिति यह है कि अब अगर और वर्षा हुई तो फिर शहरवासी और भी मुसीबत के शिकार होंगे।
दरअसल नगर परिषद को अभी अपने पुराने नाले की सफाई की सूझी है। पूर्णियां गोला से कर्पूरी चौक तक पुराने नाले का सारा मलवा सड़क पर बिखरा है। वर्षा के कारण इस होकर पैदल चलना दूभर हो चुका है। यहां वार्ड न.19 और 20 के लोग सबसे मुसीबत में है। मुख्य मार्ग के पूरब निर्मित नए नाले को कर्पूरी चौक तक बना कर छोड़ दिया गया है। इसके कारण इस नाले का सारी गंदगी ओवर फ्लो कर वार्ड न.19 के लोगों के घरों में घुस रही है।
वार्ड आयुक्त बनी कंचन कुमारी कहती है कि यहां पहले अच्छा नाला था जिसे जबरन तोड़ कर ऐसा नाला बनवाया गया और अधूरा बिना निकासी का छोड़ दिया गया है। इसे शीघ्र निकासी नाले से जोड़ना होगा। लेकिन प्रशासन चुप बैठी है।
लेकिन इस बरसात में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण से लेकर विश्वविद्यालय तक पानी पानी हो चुका है। आम लोग यही कहते है कि न जाने शहर में कब नाले की दुरुस्त व्यवस्था होगी। लेकिन यहां तो नगर परिषद में बुकिंग के आधार पर चुनाव का बाजार गर्म है। ऐसे में कैसा नाला बनेगा और मुसीबत से कब छुटकारा मिलेगा, यह कौन कह सकता है?
लेकिन इस बरसात में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण से लेकर विश्वविद्यालय तक पानी पानी हो चुका है। आम लोग यही कहते है कि न जाने शहर में कब नाले की दुरुस्त व्यवस्था होगी। लेकिन यहां तो नगर परिषद में बुकिंग के आधार पर चुनाव का बाजार गर्म है। ऐसे में कैसा नाला बनेगा और मुसीबत से कब छुटकारा मिलेगा, यह कौन कह सकता है?
मधेपुरा शहर हुआ पानी पानी, गांवों में किसान परेशान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 08, 2017
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