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(सभी फोटो: मुरारी सिंह) |
भू ना मंडल विश्विद्यालय की सीनेट की बैठक शनिवार
को शुरू हुई और जब कुलपति ने अध्यक्षीय भाषण दे दिया तो अचानक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने प्रेक्षागृह में आकर हंगामा खड़ा कर दिया।

वे सत्र नियमितीकरण और शैक्षणिक अराजकता को दूर करने की मांग कर रहे थे । छात्रों ने कुलपति डॉक्टर विनोद कुमार पर भी अन्य कई आरोप लगाकर इनके कार्यकाल के कार्यों की जांच की मांग करते रहे।
आंदोलनकारी छात्रों को समझाने और बाहर करने के लिए भाजपा के भी कई विधायक आए लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद जिलाधिकारी और एस पी आए और फिर पूरा प्रशासन क्रियाशील हो गया। समझाने के बाद भी जब छात्र नहीं माने तो उन्हें उठाकर बाहर कर दिया गया। इस दौरान कई छात्रों को चोटें भी आई.
बाद में सीनेट की बैठक शुरू हुई तो अधिकांश सदस्यों ने छात्रों के इस प्रकार के कृत्य की निंदा की, जबकि भाजपा नेता राम नरेश सिंह और विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि छात्र हित सर्वोपरि है। तरीका गलत था लेकिन यह उनका आक्रोश था जो यहां फूट पड़ा।
सीनेट की बैठक में अध्यक्षीय भाषण में कुलपति ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए किए कार्यों का ब्योरा दिया और समस्यायों को भी गिनाया। ज्ञातव्य है कुलपति यहां से छह दिन बाद सेवा निवृत हो रहे हैं।
बैठक में प्रतिकुलपति डॉक्टर जे पी एन झा ने वर्ष 2017-18 का वार्षिक बजट अनुमोदन हेतु पेश किया जिसे ध्वनिमत से अनुमोदित किया गया। इसके साथ ही प्रोफेसर अनिल कांत्त, डा अजय कुमार, डा परमानंद यादव, डा जवाहर झा, डा जवाहर पासवान, प्रो शैलेन्द्र कुमार आदि ने नियमानुसार विभिन्न संबंधित प्रस्ताव और कार्यावली, शोक प्रस्ताव सहित अन्य निर्णयों को पटल पर अनुमोदन हेतु रखा। बैठक में कुलपति के कार्यों की आमतौर पर प्रशंसा की गई लेकिन कई कार्यों को पूरा नहीं कर पाने का भी ध्यान दिलाया गया।
बैठक में विधायक नीरज कुमार बबलू और नूतन सिंह, तारकेश्वर प्रसाद, विनोद कुमार सिंह, विधायक रमेश ऋषिदेव, पूर्व कुलपति जयकृष्ण प्रसाद यादव सहित अन्य ने भी आपने अपने विचार रखे। कुलपति ने सत्र नियमित करने के प्रयासों को बताया लेकिन विश्वविद्यालय में संसाधनों की कमी को सबसे बड़ा बाधक बताया।
आंदोलनकारी छात्रों को समझाने और बाहर करने के लिए भाजपा के भी कई विधायक आए लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद जिलाधिकारी और एस पी आए और फिर पूरा प्रशासन क्रियाशील हो गया। समझाने के बाद भी जब छात्र नहीं माने तो उन्हें उठाकर बाहर कर दिया गया। इस दौरान कई छात्रों को चोटें भी आई.
बाद में सीनेट की बैठक शुरू हुई तो अधिकांश सदस्यों ने छात्रों के इस प्रकार के कृत्य की निंदा की, जबकि भाजपा नेता राम नरेश सिंह और विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि छात्र हित सर्वोपरि है। तरीका गलत था लेकिन यह उनका आक्रोश था जो यहां फूट पड़ा।
सीनेट की बैठक में अध्यक्षीय भाषण में कुलपति ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए किए कार्यों का ब्योरा दिया और समस्यायों को भी गिनाया। ज्ञातव्य है कुलपति यहां से छह दिन बाद सेवा निवृत हो रहे हैं।
बैठक में प्रतिकुलपति डॉक्टर जे पी एन झा ने वर्ष 2017-18 का वार्षिक बजट अनुमोदन हेतु पेश किया जिसे ध्वनिमत से अनुमोदित किया गया। इसके साथ ही प्रोफेसर अनिल कांत्त, डा अजय कुमार, डा परमानंद यादव, डा जवाहर झा, डा जवाहर पासवान, प्रो शैलेन्द्र कुमार आदि ने नियमानुसार विभिन्न संबंधित प्रस्ताव और कार्यावली, शोक प्रस्ताव सहित अन्य निर्णयों को पटल पर अनुमोदन हेतु रखा। बैठक में कुलपति के कार्यों की आमतौर पर प्रशंसा की गई लेकिन कई कार्यों को पूरा नहीं कर पाने का भी ध्यान दिलाया गया।
बैठक में विधायक नीरज कुमार बबलू और नूतन सिंह, तारकेश्वर प्रसाद, विनोद कुमार सिंह, विधायक रमेश ऋषिदेव, पूर्व कुलपति जयकृष्ण प्रसाद यादव सहित अन्य ने भी आपने अपने विचार रखे। कुलपति ने सत्र नियमित करने के प्रयासों को बताया लेकिन विश्वविद्यालय में संसाधनों की कमी को सबसे बड़ा बाधक बताया।
मंडल विवि सीनेट की हंगामेदार बैठक में 852 करोड़ रू का बजट अनुमोदित
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 20, 2017
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