लगातार हुई बारिश और ओला के कारण किसानों को अपनी गेहूं के फसल की थोड़ी बर्बादी की आशंका थी लेकिन अब जब वे गेहूं की फसल को सुखाने और थ्रेशिंग करने लगे तो पता चला कि 80 प्रतिशत गेहूं के दाने या तो पानी में फूल कर हल्के हो गए हैं या फिर वे अंकुरित हो कर बर्बाद हो चुके हैं।
श्रेशिंग कर रहे किसान सर पर हाथ रख कर रो रहे हैं। वे बताते है कि गेहूं की फसल जब पकी तो काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे थे।जब कटाया तो फिर बरसा ,ओला और लगातार खराब मौसम ने पूरी फसल को ही लील लिया।
कृषि विभाग सिर्फ निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट दे रहा है जबकि आपदा विभाग योजनाएं बना रहा है।लेकिन आपदा का लाभ लेने के लिए जितनी औपचारिकताएं और भाग दौड़ करनी होती है, वह आम और सही किसानों से संभव नहीं है। रोने के सिवाय अब जिले के इन किसानों को कोई चारा नहीं है।

मधेपुरा में गेहूं की फसल हुई बर्बाद, किसान हुए बेबस
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 27, 2017
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