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| सभी फोटो: मुरारी सिंह |
उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य आखिरकार पांच दिन बाद प्रशासन के कड़ी कार्रवाई के बाद गुरुवार से शुरू हो गया।राज्य सरकार के निर्देश के बाद गुरुवार को प्रशासनिक पदाधिकारियो ने पहले मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर केन्द्रों पर धरना दे रहे नियोजित शिक्षकों को समझाया। लेकिन इसके बाद भी जब वे नहीं माने तो धरना स्थल पर से उन्हें हटा दिया गया। यहाँ दो मूल्यांकन केंद्र बनाये गए हैं। रास बिहारी स्कूल और एस एन प़ी एम् स्कूल, इन दोनों केन्द्रों पर स्वंय जिलाधिकारी मु सोहैल, एस डी ओ संजय कुमार निराला और डी इ ओ शिव शंकर राय पहुंचे और धरना पर बैठे नियोजित शिक्षकों को धारा 144 के तहत 200 गज के बदले 500 गज तक निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए हटवाया।
प्रशासनिक कार्रवाई के बाद वित्त रहित और अन्य नियमित शिक्षकों ने योगदान करना शुरू कर दिया। एस एन पी एम् स्कूल केंद्र पर 75 परीक्षकों ने योगदान किया जबकि रास बिहारी स्कूल केंद्र योगदान जारी है।
डी इ ओ शिव शंकर राय ने बताया कि गुरुवार को ही प्रधान सचिव ने वीडियो कांफ्रेंस करके निर्देश दिया है कि मूल्याङ्कन कार्य को सफल और समय पर पूरा करने के लिए निजी सी बी एस इ स्कूलों के माध्यमिक शिक्षकों को भी परीक्षक बनाया जाय। अगर केंद्र में प्रवेश करते समय कोई रुकावट हो या किसी परीक्षक को भय हो तो ऐसे परीक्षक साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक समाहरणालय आ जाएँ और उन्हें प्रशासन अपने वाहन से सुरक्षित केंद्र तक पहुचाएगी और बाद में वापस ले भी जाएगी। निर्देश यह भी दिया गया है कि पुलिस और प्रशासन के वरीय पदाधिकारी भी नित्य केंद्र पर जाकर सफल संचालन में सहयोग करेंगे। कोई भी परीक्षक एक दिन में अधिकतम 50 उत्तर पुस्तिकाओं से अधिक नहीं जांच सकता है।
मूल्यांकन केंद्र पर नियोजित शिक्षको का नेतृत्व शिक्षक संघ के अध्यक्ष कृष्णा कुमार और सचिव अरुण कुमार कर रहे थे।
प्रशासन का कड़ा रुख: आखिरकार शुरू हुआ मैट्रिक का मूल्यांकन कार्य
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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April 06, 2017
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