‘औघरदानी, मृत्युंजय, महाकाल आदि ही नहीं गुरु भी हैं शिव’: शिव चर्चा आयोजित

मधेपुरा जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 14 में शिव गुरु परिचर्चा का आयोजन हुआ तो वक्ताओं ने कहा कि भगवान शिव, जिनकी पूजा औघरदानी, मृत्युंजय, महाकाल आदि स्वरूपों में हम लोग करते हैं, वह गुरु भी हैं.

         वार्ड पार्षद ध्यानी यादव के निवास पर आयोजित शिव चर्चा में कहा कि हम और आप उनके शिष्य हो सकते हैं और ये भी सौभाग्य की बात है कि इसी मधेपुरा की धरती से पहली बार  हरिनंदन जी ने 9 सितंबर 1982 इस विषय शिव शिष्य बनाने का कार्य प्रारंभ किया. शिव का शिष्य बनने के लिए व्यक्ति को अपने मन में यह विचार कि शिव मेरे गुरु हैं, मैं शिव का शिष्य हूं. शिव मेरे गुरु हैं, आपके भी हो सकते हैं. गुरु के रूप में शिव ने आज पूरे भारत में करोड़ों व्यक्ति के जीवन को बदल कर रख दिया है. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के शिव शिष्य  बनने का आग्रह किया गया.
      मौके पर सैकड़ों लोगों ने अपने नामों की घोषणा कराकर शिव शिष्य बनने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में भाई परमेश्वर जी के साथ राजकुमार, गुड्डू, राजेश, संजय, उमेश, प्रकाश, सचिन, ब्रजेश, सरस्वती, रंजना, नैना, नीतू, पायल, अनन्या, रंजना, पूनम, नीला आदि मौजूद थे जबकि कार्यक्रम को सफल बनाने में ध्यानी यादव की पत्नी रेखा देवी का योगदान सराहनीय रहा.
‘औघरदानी, मृत्युंजय, महाकाल आदि ही नहीं गुरु भी हैं शिव’: शिव चर्चा आयोजित ‘औघरदानी, मृत्युंजय, महाकाल आदि ही नहीं गुरु भी हैं शिव’: शिव चर्चा आयोजित Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 10, 2017 Rating: 5
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