
सम्मेलन की शुरूआत संगठन के झंडोतोलन से हुआ. तत्पश्चात अतिथियों एवं प्रतिनिधियों द्वारा शहीद
वेदी पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया गया.
सम्मेलन के मुख्य वक्ता जेएनयू की नेत्री राहिला प्रवीन ने संबोधित करते हुई कहा कि मधेपुरा सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक न्याय के आंदोलन का केंद्र रहा है. हमने लड़कर अपना अधिकार लिया है, परंतु ये अधिकार छीनने का साजिश चल रही है. दलितों, अकलियतों, शोषितों एवं पिछड़ों को मिल रहे आरक्षण से वंचित करने का प्रयास चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की संगठित तरीके से हत्या की गई फिर जेएनयू से एक अल्पसंख्यक छात्र को गायब कर दिया गया. उल्टे उनके घर पर पुलिस छापा मारती है. एआईएसएफ नेत्री राहीला ने कहा कि आज शिक्षा का निजीकरण बाजारीकरण एवं सांप्रदायिककरण हो रहा है. उन्होंने कहा कि छात्र, शिक्षक और कर्मचारी के वीच एकता होनी जरूरी है. छात्र राष्ट्र के कर्मधार होते हैं.
वहीँ कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता टी पी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर एस एन जौहरी ने कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है. हम अपने देश के अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे और एकता सबसे उत्तम सिद्धांत है. परिवेश बदला है, शिक्षा का माहौल बनाने की आवश्यकता है. पूर्व राज्य सचिव प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि शिक्षा बुनियाद परिवर्तन का सबसे तेज हथियार है परंतु शिक्षा आज व्यवस्था की वस्तु बनकर रह गई है, इसीलिए आज हमारी गंगा-यमुना तहजीब अनेकता में एकता का सिद्धांत संकट में है.
कार्यक्रम में डॉ. जवाहर पासवान डॉक्टर, ललन कुमार साहनी, डॉ. आशुतोष झा, डॉक्टर परवेज अख्तर, डॉक्टर आरपी राजेश, हर्षवर्धन सिंह राठौड़, रंजन कुमार, सौरव कुमार, देवराज कुमार, मौसम कुमारी, शंभू क्रांति, विद्याधर मुखिया, संतोष कुमार सुमन आदि मौजूद थे.

सम्मेलन के मुख्य वक्ता जेएनयू की नेत्री राहिला प्रवीन ने संबोधित करते हुई कहा कि मधेपुरा सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक न्याय के आंदोलन का केंद्र रहा है. हमने लड़कर अपना अधिकार लिया है, परंतु ये अधिकार छीनने का साजिश चल रही है. दलितों, अकलियतों, शोषितों एवं पिछड़ों को मिल रहे आरक्षण से वंचित करने का प्रयास चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की संगठित तरीके से हत्या की गई फिर जेएनयू से एक अल्पसंख्यक छात्र को गायब कर दिया गया. उल्टे उनके घर पर पुलिस छापा मारती है. एआईएसएफ नेत्री राहीला ने कहा कि आज शिक्षा का निजीकरण बाजारीकरण एवं सांप्रदायिककरण हो रहा है. उन्होंने कहा कि छात्र, शिक्षक और कर्मचारी के वीच एकता होनी जरूरी है. छात्र राष्ट्र के कर्मधार होते हैं.
वहीँ कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता टी पी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर एस एन जौहरी ने कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है. हम अपने देश के अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे और एकता सबसे उत्तम सिद्धांत है. परिवेश बदला है, शिक्षा का माहौल बनाने की आवश्यकता है. पूर्व राज्य सचिव प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि शिक्षा बुनियाद परिवर्तन का सबसे तेज हथियार है परंतु शिक्षा आज व्यवस्था की वस्तु बनकर रह गई है, इसीलिए आज हमारी गंगा-यमुना तहजीब अनेकता में एकता का सिद्धांत संकट में है.
कार्यक्रम में डॉ. जवाहर पासवान डॉक्टर, ललन कुमार साहनी, डॉ. आशुतोष झा, डॉक्टर परवेज अख्तर, डॉक्टर आरपी राजेश, हर्षवर्धन सिंह राठौड़, रंजन कुमार, सौरव कुमार, देवराज कुमार, मौसम कुमारी, शंभू क्रांति, विद्याधर मुखिया, संतोष कुमार सुमन आदि मौजूद थे.
'दलित-पिछड़ों को आरक्षण से वंचित करने की साजिस': राहिला प्रवीन, जेएनयू नेत्री
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 06, 2017
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