मधेपुरा में भाकपा कार्यकर्ताओं
ने अपनी पांच
सूत्री मांग को लेकर ग्वालपाड़ा प्रखंड कार्यालय परिसर में आमरण अनशन व उग्र प्रदर्शन
किया. आक्रोशित आन्दोलनकारियों ने स्थानीय अधिकारी और सरकार के विरुद्ध जमकर की नारेबाजी.

मामला वर्ष 2008 में आई प्रलयंकारी बाढ़ के मद्देनजर
मधेपुरा के इलाकों में आज तक ध्वस्त कई नहरों की मरम्मत, दो वर्षों
से किसानों के द्वारा पैक्स को बेची गई
धान की कीमत नहीं मिलने व महादलितों को वासगीत पर्चा निर्गत नहीं किये जाने जैसे कई मांगों को लेकर है. भाकपा के बैनर तले स्थानीय किसान समेत भाकपा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांग को लेकर प्रखंड
कार्यालय परिसर में जमकर उग्र प्रदर्शन किया और स्थानीय अधिकारी व सरकार के विरुद्ध
घंटों नारेबाजी की.
घंटो प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी ने इन लोगों से वार्तालाप कर इन्हें
शांत कराया. जहाँ अधिकारी ने तीन महीने के अन्दर कार्रवाई करने का भरोसा दिया तो वहीँ भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि अगर समय रहते हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो फिर से उग्र आन्दोलन किया जाएगा.
मौके पर मौजूद एसडीएम मुकेश कुमार ने आमरण अनशन पर मौजूद भाकपा नेता निखिल झा समेत दो अन्य नेता को जूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाया और कहा कि तत्काल स्थानीय
सीओ को वासगीत पर्चा निर्गत करने एवं ध्वस्त नहरों की मरम्मत कार्य करने हेतु मनरेगा पीओ को निर्देश जारी किया गया
है. तीन महीने के अन्दर नहर की मरम्मत कर दी जाएगी और साथ हीं किसानों के धान की कीमत के मामले में विभिन्न पैक्स और किसान के साथ बैठक कर इस मामले का निपटारा कर दिया जाएगा.
इस मौके पर एसडीएम के अलावे उदाकिशुनगंज एसडीपीओ और भाकपा के प्रो. देवनारायण पासवान, जिला मंत्री विद्याधर मुखिया, जिला सचिव शम्भू क्रांति, मो.वशीम, मोनी सिंह, पवन कुमार सिंह,
अंचल मंत्री बैधनाथ झा आदि कई आदिवासी महिला व पुरुष के अलावे दर्जनों महादलित कार्यकर्ता
मौजूद थे.
मधेपुरा में ध्वस्त नहरों की मरम्मत समेत कई मांगों को लेकर भाकपा का उग्र प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 18, 2017
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