मधेपुरा में महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर भाकपा कार्यकर्ता ने जिला परिषद परिसर में बापू की प्रतिमा के निकट बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे का पुतला दहन कर संप्रदायवाद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
कार्यक्रम के नेतृत्व कर रहे भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि 30 जनवरी 1948 का दिन भारतीय इतिहास का काला दिवस है, जिस दिन एक कट्टर हिंदुत्ववादी ब्रिटिश सहयोगी आरएसएस और हिंदू महासभा के कथित बौद्धिक प्रचारक नाथूराम विनायक गोडसे ने दंगाग्रस्त दिल्ली में शांति और सद्भावना का प्रयास कर रहे बापू के छाती में तीन गोली मारकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक की निर्मम हत्या कर दी.
हत्या के उपरांत जहां राष्ट्रपिता को अपने अश्रुपूर्ण विदाई एवं श्रद्धांजलि देने दस लाख लोग दिल्ली में एकत्र हो गए वहीं हिंदू महासभा औरआरएसएस अनुयाईयों ने मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया. इन संप्रदायिक कट्टरपंथियों ने गांधी की हत्या को वध करार दिया. आज राष्ट्रवादी हिंदुत्ववादी एवं संप्रदायिक राजनीति अपने क्षितिज पर है. बापू हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं.
उन्होंने कहा कि बापू को सच्ची श्रद्धांजलि संप्रदायिक राजनीति का खात्मा होगा. इस मौके पर उपस्थित जिला मंत्री विद्याधर मुखिया, मजदूर यूनियन के उपाध्यक्ष प्रोफेसर देवनारायण पासवान बीएनएमयू के पूर्व कुलसचिव प्रोफ़ेसर सचिंद्र महतो, रमन कुमार, निखिल कुमार झा, शंभू क्रांति, उमाकांत सिंह, मोहम्मद चांद, मोती सिंह, जगत नारायण शर्मा, अंबिका मंडल, अनिल भारती, श्याम यादव, विष्णु देव मेहता, मोहन सिंह, अनिल पासवान, बद्री पोद्दार, कृष्ण मुखर्जी, उमेश शाह आदि मौजूद थे.
‘बापू हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिन्दा हैं’: मधेपुरा में जलाया नाथूराम गोडसे का पुतला
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 31, 2017
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