
महोत्सव
में दूसरे दिन शुक्रवार को जहां माया विद्या निकेतन के बच्चों ने मिथिला और कोसी
की लोक कला जट-जटिन की शानदार प्रस्तुति कर लोगों को पुरानी कला और संस्कृति को
याद कराया, वहीं महाराष्ट्र के कलाकारों ने वहां की पुरानी
लोक गाथा पर आधारित तमाशा की प्रस्तुति कर दर्शकों की तालियाँ बटोरी. पूर्व
क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता द्वारा एक राज्य की कला संस्कृति से दूसरे
राज्य की कला संस्कृति से रुबरु करा कर एक दूसरे को आपस में जोडने काम कर रही है,
साथ ही पौराणिक कथाओं पर आधारित लघु नाटक, नृत्य
एवं गीत-संगीत को पुनर्स्थापित करने का काम कर रही है.
मौके पर चंद्रिका यादव, डॉ.
अंजनी कुमार, डॉ. विनय कुमार चौधरी,
इप्टा के
सचिव अंजली कुमारी, तुरबसु आदि उपस्थित थे जबकि समारोह
का संचालन सुभाष चंद्र ने किया. कार्यक्रम के संयोजक डॉ. महेंद्र कुमार ने
अतिथियों का स्वागत किया.
मधेपुरा: भारत लोक रंग महोत्सव में दिखी देश की विविध संस्कृति
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 07, 2017
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