कहते हैं संगीत न सिर्फ एक साधना और पूजा है बल्कि एक पवित्र तपस्या भी है और पूजा तथा तपस्या की तरह ही इसमें भी स्वच्छता की जरूरत हमेशा है.
शायद यही वजह है कि जिस गायक-गायिका ने इसकी पवित्रता बनाकर नहीं रखी, सफलता उसके लिए पानी का बुलबुला साबित हुई. फूहड़ गानों पर यदि दर्शकों की किलकारियां मिली भी तो उन संगीत की समझ रखने वाले श्रोताओं को गँवा कर, जिनसे अच्छे संगीत का मानक तय होता है और जो किसी गायक की बड़ी सफलता में अहम होते हैं. पापिया गांगुली उस खास दिन को भी याद करती है जब रिकॉर्डिंग के एक स्टूडियो में उसे गाने के लिए स्तरहीन गीत के पन्ने दिए गए थे और पापिया ने वैसे गानों के ऑफर ठुकराते कहा था कि इसे गाने वाले बहुत मिल जायेंगे. इतिहास गवाह है, देश और दुनियां के सबसे सफलतम गायकों ने हमेशा स्तरीय संगीत को ही चुना और करोड़ों के दिल पर राज किया. संगीत की पवित्रता को बिहार की इस बेटी भी सबसे अहम मानती है जो इस बात का संकेत है कि सुर-लय-ताल पर पकड़ के साथ इस गायिका में उंचाई प्राप्त करने के सभी गुण मौजूद हैं.
भागदौड़ और तनाव की जिन्दगी में संगीत है सबसे अहम: मधेपुरा टाइम्स के इस सवाल पर कि आज की भागदौड़ और तनाव वाली जिन्दगी में संगीत कितना जरूरी है, सिंगर पापिया कहती हैं कि संगीत जिनके जेहन में हो, उन्हें बहुत शान्ति मिलती है. भागदौड़ और तनाव की वर्तमान जिन्दगी में यदि आप परेशानी और उलझनों को कम करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से आपको संगीत का सहारा लेना चाहिए. अच्छे गाने न सिर्फ मन को सुकून देते हैं, बल्कि आपको अच्छा इंसान भी बनाते हैं. कहती है, न सिर्फ गाने वाले बल्कि संगीत को समझने वालों का भी स्थान काफी ऊँचा है. अभिभावकों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों को संगीत सीखने प्रति प्रेरित करें और उन्हें सारी सुविधा प्रदान करें.
संगीत में बहुत मददगार साबित हो रहा है इंटरनेट: वर्तमान समय में इंटरनेट के महत्त्व की भी तारीफ़ करते पापिया कहती है कि यह एक सटीक माध्यम है जो आपको कम समय में भी बड़ी लोकप्रियता दे सकता है. कहती है, मधेपुरा में गोपाष्टमी महोत्सव के दौरान जब अपने गाये गीत को उन्होंने मधेपुरा टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर देखा तो उस अहसास को वो शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती. गाने की एडिटिंग इतनी बेहतरीन थी कि उन्होंने उसे पापा समेत सबों को दिखाया. पापिया मधेपुरा के लोगों का प्यार और उत्साह याद करते कहती है कि मधेपुरा में मिले सम्मान और श्रोताओं का उत्साह भूलने लायक नहीं है. हमसे बात करते अफ़सोस जाहिर करती है कि मधेपुरा में आपसे पर्सनली मिल नहीं पाई. पर मधेपुरा टाइम्स के माध्यम से पापिया ने हमारे पाठकों और यहाँ के लोगों के लिए फोन पर ही ‘जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी’ गाकर सुनाया है जो आपके लिए इस लिंक पर समर्पित है. यहाँ क्लिक करें.
मशहूर प्लेबैक सिंगर बन करना चाहती है बिहार का नाम रौशन: जाहिर है हर गायक-गायिका की तरह पापिया की जिन्दगी का भी सबसे बड़ा सपना महशूर प्लेबैक सिंगर बनना है. कहती है आप सबने ‘बिहार की बेटी’ के रूप में मुझे अलग पहचान दी है. शुरू में जहाँ मुम्बई में रह रहे अभिजीत अरूण ने पहले एलबम ' माई के टीकवा' में गाने का मौका दिया था और उस एलबम का एक गाना 'छुन छुन छना ना ना बाजे रे पायलिया' सुपरहिट हुआ था वहीं अभी हाल में गायक उदित नारायण के साथ जब एक भोजपुरी फिल्म के लिए एक डुएट सॉंग ‘लगन लागी प्यार की तोहसे, दीवाना हम त हो गईली’ गाने का मौका पापिया को मिला तो उत्साह चरम पर होना स्वाभाविक ही था. बताती है कि जब उदित नारायण जी ने पापिया की आवाज पहली बार सुनी तो उन्होंने पापिया से कहा था कि तुम्हारी आवाज बिलकुल प्लेबैक सिंगर जैसी है. फिर तो उदित जी के साथ हिन्दी फिल्म समेत न सिर्फ तीन गाने प्लेबैक सिंगर के रूप में पापिया को गाने को मिले बल्कि कई और चर्चित गायकों के साथ भी गाने रिकॉर्ड होने लगे. हरिहर क्षेत्र के सोनपुर मेले से देर रात परफॉर्म कर लौटने के बाद सुबह मधेपुरा टाइम्स से ‘फोन इंटरव्यू’ के दौरान पापिया गांगुली बताती हैं कि सोनपुर में कल बड़े प्लेबैक सिंगर बिपिन सचदेवा के साथ ‘सनम बेवफा’ के उस गाने ‘मुझे अल्ला कसम, तुमसे प्यार हो गया’ को गाने का मौका मिला जिसे विपिन जी के साथ ही विश्व की महानतम गायिका लता मंगेशकर जी ने गाया था.
जाहिर है, माँ संध्या गांगुली और पिता आशीष गांगुली की ‘पम्मी’ अब सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि बिहार की बेटी बनकर देश की बेटी बनने को तैयार है और जिस तरह से इस बेटी के कदम संगीत की ऊँचाइयों तक पहुँचने को है, तय मानिए बिहार का नाम बार-बार ऐसी बेटियों के द्वारा हमेशा चमकता रहेगा. तब ही तो, इंटरव्यू के अंत से पहले पापिया अपने पसंदीदा गानों में से एक गुनगुना उठती है, ‘ये है मेरा बिहार’.
भागदौड़ और तनाव की जिन्दगी में संगीत है सबसे अहम: मधेपुरा टाइम्स के इस सवाल पर कि आज की भागदौड़ और तनाव वाली जिन्दगी में संगीत कितना जरूरी है, सिंगर पापिया कहती हैं कि संगीत जिनके जेहन में हो, उन्हें बहुत शान्ति मिलती है. भागदौड़ और तनाव की वर्तमान जिन्दगी में यदि आप परेशानी और उलझनों को कम करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से आपको संगीत का सहारा लेना चाहिए. अच्छे गाने न सिर्फ मन को सुकून देते हैं, बल्कि आपको अच्छा इंसान भी बनाते हैं. कहती है, न सिर्फ गाने वाले बल्कि संगीत को समझने वालों का भी स्थान काफी ऊँचा है. अभिभावकों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों को संगीत सीखने प्रति प्रेरित करें और उन्हें सारी सुविधा प्रदान करें.
संगीत में बहुत मददगार साबित हो रहा है इंटरनेट: वर्तमान समय में इंटरनेट के महत्त्व की भी तारीफ़ करते पापिया कहती है कि यह एक सटीक माध्यम है जो आपको कम समय में भी बड़ी लोकप्रियता दे सकता है. कहती है, मधेपुरा में गोपाष्टमी महोत्सव के दौरान जब अपने गाये गीत को उन्होंने मधेपुरा टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर देखा तो उस अहसास को वो शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती. गाने की एडिटिंग इतनी बेहतरीन थी कि उन्होंने उसे पापा समेत सबों को दिखाया. पापिया मधेपुरा के लोगों का प्यार और उत्साह याद करते कहती है कि मधेपुरा में मिले सम्मान और श्रोताओं का उत्साह भूलने लायक नहीं है. हमसे बात करते अफ़सोस जाहिर करती है कि मधेपुरा में आपसे पर्सनली मिल नहीं पाई. पर मधेपुरा टाइम्स के माध्यम से पापिया ने हमारे पाठकों और यहाँ के लोगों के लिए फोन पर ही ‘जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी’ गाकर सुनाया है जो आपके लिए इस लिंक पर समर्पित है. यहाँ क्लिक करें.
मशहूर प्लेबैक सिंगर बन करना चाहती है बिहार का नाम रौशन: जाहिर है हर गायक-गायिका की तरह पापिया की जिन्दगी का भी सबसे बड़ा सपना महशूर प्लेबैक सिंगर बनना है. कहती है आप सबने ‘बिहार की बेटी’ के रूप में मुझे अलग पहचान दी है. शुरू में जहाँ मुम्बई में रह रहे अभिजीत अरूण ने पहले एलबम ' माई के टीकवा' में गाने का मौका दिया था और उस एलबम का एक गाना 'छुन छुन छना ना ना बाजे रे पायलिया' सुपरहिट हुआ था वहीं अभी हाल में गायक उदित नारायण के साथ जब एक भोजपुरी फिल्म के लिए एक डुएट सॉंग ‘लगन लागी प्यार की तोहसे, दीवाना हम त हो गईली’ गाने का मौका पापिया को मिला तो उत्साह चरम पर होना स्वाभाविक ही था. बताती है कि जब उदित नारायण जी ने पापिया की आवाज पहली बार सुनी तो उन्होंने पापिया से कहा था कि तुम्हारी आवाज बिलकुल प्लेबैक सिंगर जैसी है. फिर तो उदित जी के साथ हिन्दी फिल्म समेत न सिर्फ तीन गाने प्लेबैक सिंगर के रूप में पापिया को गाने को मिले बल्कि कई और चर्चित गायकों के साथ भी गाने रिकॉर्ड होने लगे. हरिहर क्षेत्र के सोनपुर मेले से देर रात परफॉर्म कर लौटने के बाद सुबह मधेपुरा टाइम्स से ‘फोन इंटरव्यू’ के दौरान पापिया गांगुली बताती हैं कि सोनपुर में कल बड़े प्लेबैक सिंगर बिपिन सचदेवा के साथ ‘सनम बेवफा’ के उस गाने ‘मुझे अल्ला कसम, तुमसे प्यार हो गया’ को गाने का मौका मिला जिसे विपिन जी के साथ ही विश्व की महानतम गायिका लता मंगेशकर जी ने गाया था.
जाहिर है, माँ संध्या गांगुली और पिता आशीष गांगुली की ‘पम्मी’ अब सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि बिहार की बेटी बनकर देश की बेटी बनने को तैयार है और जिस तरह से इस बेटी के कदम संगीत की ऊँचाइयों तक पहुँचने को है, तय मानिए बिहार का नाम बार-बार ऐसी बेटियों के द्वारा हमेशा चमकता रहेगा. तब ही तो, इंटरव्यू के अंत से पहले पापिया अपने पसंदीदा गानों में से एक गुनगुना उठती है, ‘ये है मेरा बिहार’.
सक्सेस स्टोरी (1): पापिया गांगुली: सुर जब फिजां में गूंजते हैं तो श्रोता सुध-बुध खो बैठते हैं..
[सुर की मलिका पापिया गांगुली को सुनें, यहाँ क्लिक करें.
पापिया गांगुली के गाए गीत 'मैं तो बची राम जी कृपा से' सुनें, यहाँ क्लिक करें.]
पापिया गांगुली के गाए गीत 'मैं तो बची राम जी कृपा से' सुनें, यहाँ क्लिक करें.]
(रिपोर्ट: आर. के. सिंह)
सक्सेस स्टोरी (2): पापिया गांगुली: ‘लगन लागी प्यार की तोहसे, दीवानी हम त हो गईली’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 22, 2016
Rating: