इन दिनों नोट बदलवाने और रूपये जमा-निकासी में समय के अतिरिक्त बैंककर्मियों के द्वारा योगदान की जहाँ सराहना की जा रही है वहीँ व्यवसायी भारतीय स्टेट बैंक से खासे नाराज हैं.
एक तरफ 1000 और 500 के नोट की जमा-निकासी पर जिले के आला अधिकारी नजर जमाये हुऐ हैं, फिर भी सिंहेश्वर के स्टेट बैंक ने ट्रेडर्स और व्यावसायिक खाता में एक हजार और पाच सौ का पुराना नोट लेने से इंकार कर व्यापारियों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न कर दी है. इस बावत कई ट्रेडर्स के मालिकों ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि एसबीआई के ब्रांच मैनेजर ने अविवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए ट्रेडर्स और व्यवसायिक खाते में 1000 और 500 का नोट लेने से इंकार कर दिया. जाहिर है इस इंकार से व्यापारियों में आक्रोश और असंतोष देखा गया. व्यापारियों ने कहा सभी बैंकों में व्यापारियों के खाते में पुराने नोट जमा की जमा लिया जा रहा है, सिर्फ एसबीआई में व्यापारियों का नोट नही लेना समझ से बाहर और निराश करने वाला कदम है. राजन गुप्ता, प्रकाश जायसवाल, प्रमोद जयसवाल आदि ने कहा कि जब सरकार 30 दिसंबर तक सरकारी घोषणा के अनुसार नोट जमा कर सकते हैं, तो सिर्फ व्यापारियों के नोट नहीं लेना शाखा प्रबंधक की मनमानी है.
मामले में एसबीआई के शाखा प्रबंधक संजीव रंजन दास ने बताया सरकार के मेल में 11 नवंबर तक व्यापारियों के खाते में पुराने नोट जमा करने का आदेश जारी किया गया था, जिसको बढ़ाकर 14 नवम्बर कर दिया. अगर नोट लेने का फिर से आदेश आयेगा तो उसका पालन किया जायेगा.
एक तरफ 1000 और 500 के नोट की जमा-निकासी पर जिले के आला अधिकारी नजर जमाये हुऐ हैं, फिर भी सिंहेश्वर के स्टेट बैंक ने ट्रेडर्स और व्यावसायिक खाता में एक हजार और पाच सौ का पुराना नोट लेने से इंकार कर व्यापारियों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न कर दी है. इस बावत कई ट्रेडर्स के मालिकों ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि एसबीआई के ब्रांच मैनेजर ने अविवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए ट्रेडर्स और व्यवसायिक खाते में 1000 और 500 का नोट लेने से इंकार कर दिया. जाहिर है इस इंकार से व्यापारियों में आक्रोश और असंतोष देखा गया. व्यापारियों ने कहा सभी बैंकों में व्यापारियों के खाते में पुराने नोट जमा की जमा लिया जा रहा है, सिर्फ एसबीआई में व्यापारियों का नोट नही लेना समझ से बाहर और निराश करने वाला कदम है. राजन गुप्ता, प्रकाश जायसवाल, प्रमोद जयसवाल आदि ने कहा कि जब सरकार 30 दिसंबर तक सरकारी घोषणा के अनुसार नोट जमा कर सकते हैं, तो सिर्फ व्यापारियों के नोट नहीं लेना शाखा प्रबंधक की मनमानी है.
मामले में एसबीआई के शाखा प्रबंधक संजीव रंजन दास ने बताया सरकार के मेल में 11 नवंबर तक व्यापारियों के खाते में पुराने नोट जमा करने का आदेश जारी किया गया था, जिसको बढ़ाकर 14 नवम्बर कर दिया. अगर नोट लेने का फिर से आदेश आयेगा तो उसका पालन किया जायेगा.
व्यावसायिक खाता में 1000 और 500 के नोट जमा लेने से इंकार, व्यवसायी परेशान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 19, 2016
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