मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर के पशु चिकित्सालय में उपयोगी साबित रहे पशु बांझपन चिकित्सा एवं प्रशिक्षण शिविर का उद्धाटन प्रखंड प्रमुख चंद्र कला देवी ने किया.
पशुपालकों को संबोधित करते प्रमुख श्री मति देवी ने कहा आज हर गांव में चिकित्सा की समुचित व्यवस्था नही रहने के कारण लगातार पशु के बीमार होने की घटना बढ़ सी गई है. 2008 में आई भीषण बाढ़ के बाद पशुधन की भारी क्षति हुई थी. उसकी पूर्ति के लिए इस तरह के आयोजन बराबर हो रहे थे, जिससे पशु पालकों को बल मिलता था और पशुओं की तादाद बढने लगी. लेकिन तीन साल से यह बंद होने के कारण पशुपालक को काफ़ी परेशानी हो रही थी. 2012 के बाद सरकार 2016 में फिर से गंभीर हुई है. आज यह बांझपन का शिविर उसी का परिणाम है. भ्रमणशील चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुरेन्द्र साह ने बांझपन के मुख्य कारण कृमि नाशक दवा का समय पर नहीं देने से पशुओं में एनीमिया की शिकायत हो जाती है जिससे उसके शरीर का विकास समय से नही हो पाता है. दूसरा कारण हरे चारे की कमी तथा पशु आहार में पोषक तत्वों की कमी हो जाने, तीसरा कारण प्रसव के बाद बच्चा दानी का सही स्वरूप में नही आना, चौथा कारण अत्यधिक मात्रा में नाज आधारित आहार पशु को खिलाना, पाँचवा कारण दूध उत्पादन के अनुसार पशु को संतुलित आहार का न मिलना बांझपन के मुख्य कारणों में से एक है. जिसकी समुचित चिकित्सा इस शिविर में विशेषज्ञों के द्वारा ईलाज कर उसे गर्भधारण करने लायक बनाते हुए दुधारू बनाया जायेगा. कामरेड सीताराम यादव ने शिविर में पशुपालकों के घर या पंचायत पंचायत जाकर शिविर लगाने से ज्यादा बीमार पशु जो प्रखंड मुख्यालय लाये जाने में असमर्थ हैं उसे भी लाभ होगा. मौके पर डॉ. मनोज कुमार मंटू, डॉ. विपीन कुमार साह, शंभू मल्लिक, राजीव कुमार मौजूद थे.
(रिपोर्ट: डॉ. आई. सी. भगत, उप-संपादक)
पशुपालकों के लिए उपयोगी रहा पशुओ में बांझपन चिकित्सा एवं प्रशिक्षण शिविर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 15, 2016
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