जिसमें महिलाएँ एवं
लड़कियों ने अपने भाईयों के लम्बी उम्र के लिए मनोकामना भी की. भाई बहन के प्यार
तथा अटूट विश्वास के दिवस भैया दूज को बहन अपने भाई को माथे में तिलक लगा के भाई
के हाथ पर चावल का घोल तथा सिंदूर लगा के उसपर पान सुपाड़ी लगा कर पानी से धोत हुए
मंत्रोच्चारण करती है. मान्यता है कि ऐसा करने
से दोनों
को धन, यश, स्वास्थ्य और सुख की प्राप्ति होती
है. भैया दूज मनाने वाली महिलाओं ने बताया कि भैयादूज का त्यौहार भाई-बहन के स्नेह
को सुदृढ़ करता है. यह त्योहार दीवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक दो त्योहार मनाये
जाते हैं. एक रक्षाबंधन जो श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसमें भाई
बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है और दूसरा त्योहार भैया दूज का होता है. इसमें
बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं. भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास की
द्वितीया को मनाया जाता है. भैया दूज को भ्रातृ द्वितीया भी कहते हैं. इस पर्व का
प्रमुख लक्ष्य भाई तथा बहन के पावन संबंध व प्रेमभाव की स्थापना करना है.
(रिपोर्ट: संजय कुमार)
‘ताकि लम्बी रहे भाई की उम्र’: महिलाओं ने धूमधाम से मनाया भईया दूज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 01, 2016
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