
मधेपुरा में भी लोग अपनी
संवेदना देश की रक्षा के लिए दिन-रात लगे सैनिकों के प्रति व्यक्त कर रहे हैं.
मधेपुरा
टाइम्स ने भी दिवाली का दिन शहीदों के लिए ही समर्पित किया है. मधेपुरा की ‘लता’
रीता कुमारी आज इस गीत की विशेष प्रस्तुति के लिए मधेपुरा टाइम्स कार्यालय पहुंची
और तबला पर संगत के लिए लोकप्रिय तबला वादक सहरसा जिला निवासी मनोज कुमार थे.
स्टूडियो में जब ‘ए मेरे वतन के लोगों’ गीत का शमां बंधा तो यहाँ भी मानो वक्त ठहर गया हो.
बता दें कि मधेपुरा की गायिका और संगीत शिक्षिका रीता कुमारी वर्ष 1981 में
पटना में हुए युवा महोत्सव में तत्कालीन राज्यपाल डॉ. ए. आर. किदवई के हाथों संगीत
में सूबे में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं. वर्ष 1964 में 21 अक्टूबर को
जन्मी रीता कुमारी ने संगीत का दामन उस समय थाम लिया जब वह 6वीं कक्षा में पढ़ती
थी. बताती हैं कि उनके प्रथम गुरु मधेपुरा में उस समय स्थापित भारती संगीत विद्यालय
के संगीत शिक्षक देवेन्द्र झा थे जबकि द्वितीय और तृतीय शिक्षक क्रमश: उपेन्द्र
नारायण यादव और नारायण बाबू उर्फ़ शैलेन्द्र सिंह रहे हैं. संगीत प्रवीण की योग्यता
प्राप्त गायिका और
संगीत शिक्षिका रीता कुमारी वर्ष 1985 से मधेपुरा के पार्वती
सायंस कॉलेज में बतौर संगीत शिक्षिका पदस्थापित हैं.

जबकि
मधेपुरा टाइम्स स्टूडियो पहुंचे तबला वादक मनोज कुमार सहरसा जिले के पतरघट ब्लॉक
के सखौरी गाँव के मूल निवासी हैं और संगीत भास्कर की डिग्री हासिल कर वर्तमान में
सुपौल जिले के पिपरा ब्लॉक में गांधी +2 स्कूल, राजपुर में संगीत शिक्षक हैं. वर्ष
1978 में 02 अप्रैल को जन्मे मनोज के पहले गुरु अग्रज राम स्वरुप यादव रहे हैं
जबकि दूसरे गुरु कला भवन पूर्णियां के पंडित बिरेन्द्र घोष थे. बचपन से संगीत के
प्रति रूझान ने वर्ष 1998 में इन्हें इतना मजबूर किया कि वे तबला वादन के प्रति समर्पित
हो गए.
मधेपुरा
टाइम्स परिवार गायिका और संगीत शिक्षिका रीता कुमारी और तबला वादक मनोज कुमार का
आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने दिवाली के व्यस्ततम समय में से मधेपुरा टाइम्स के
पाठकों के लिए महत्वपूर्ण वक्त निकाला. तो आप भी जलाएं आज ‘एक दीया शहीदों के नाम’ और याद करें कुर्बानी इस वीडियो को देख और सुनकर, यहाँ क्लिक करें.
(वि.सं.)
‘ए मेरे वतन के लोगों’: टाइम्स कार्यालय में संगीतमय दिवाली शहीदों ने नाम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 30, 2016
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