जिले भर की दिवाली इस बार सैनिकों और शहीदों के
नाम रहा और मनाने वालों ने जिले भर में शहीदों के लिए दीये जलाकर तथा रंगोली बनाकर
उनके प्रति कृतज्ञता अर्पित की. किसी अच्छे मुद्दे पर जिले में इस तरह की
एकता
शायद पहली बार नजर आई.
एकता
शायद पहली बार नजर आई.
दीपावली के अवसर पर लोगों ने अपने
घरों को साफ़-सुथरा तो किया पर मधेपुरा नगर परिषद् के लोगों के लिए इस बार की
दिवाली काफी दुखदायी रही. शहर में गंदगी का अम्बार लगा रहा, हालाँकि दिवाली से ठीक
पहले नगर परिषद् के कुछ वार्ड पार्षदों ने लोगों की फजीहत से बचने के
लिए कहीं-कहीं साफ़ करने का प्रयास किया. बताया गया कि हाल में नगर परिषद् में
स्वीपरों की हड़ताल की वजह से शहर का ऐसा हाल हुआ. दिवाली के मौके पर महिलाओं ने घरों और मंदिरों में लक्ष्मी-गणेश की पूजा अर्चना की.
हाल में भले ही कई जगह लोगों ने
चायनीज सामानों का बहिष्कार किया और इस दिवाली में चायनीज बल्व नहीं जलाकर मिटटी के
दीये जलाने की बात कही थी, पर धरातल पर ऐसा बहुत कुछ नहीं दिखा और कई लोगों के घर
चायनीज बल्वों से भी जगमगाते दिखे. पर कुल मिलाकर लोगों ने दीपावली पर संतोष जाहिर
किया और अब आस्था के महापर्व छठ की तैयारी में लग रहे हैं.
(मधेपुरा टाइम्स
टीम)
राष्ट्रभक्ति के नाम रहा दीपावली, लेकिन चायनीज लाईट रहा फिर हावी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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October 31, 2016
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