सुलग रहा है बीएनएमयू: अनशन का पांचवा दिन, एसडीओ पहुंचे अनशन स्थल पर तो छात्रों ने किया सड़क जाम और बंद कराया अन्य कॉलेज
मधेपुरा के मंडल विश्वविद्यालय में जहाँ दो छात्र विभिन्न मांगों को लेकर आमरण अनशन पर आज पांचवें दिन भी जमे रहे वहीं विश्वविद्यालय के कथित जवाबदेह अधिकारियों ने अनशन तुडवाने के लिए अबतक कोई ठोस पहल नहीं की है.
छात्रों का आरोप है कि अधिकारियों के मुताबिक़ कुलपति बाहर हैं और वे सिर्फ कोरा आश्वासन दे सकते हैं, मांगें मानी जायेगी या नहीं, उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. बताया जा रहा है कि कोई भी अधिकारी मौत को हथेली पर लिए अनशनकारी छात्र मनीष कुमार और हर्षवर्धन सिंह राठौर से कुलपति की फोन से भी बात करने की जरूरत नहीं समझा.
बता दें कि विश्वविद्यालय में व्याप्त अराजकता व बीएड परीक्षा परिणाम सहित छात्राओं के लिए स्थाई रूप से छात्रावास की सुविधा एंव एकेडमिक कलेंडर लागू हो तथा वर्षों से जमे अधिकारी की तबादला जैसे दस सूत्री मांगों को लेकर लगातार पांच दिनों से संयुक्त छात्र संगठन आन्दोलन व अनशन कर रहे हैं. जबकि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ.जे.पी.एन झा ने दो दिन पूर्व इन छात्र नेताओं से वार्तालाप भी किया लेकिन वार्तालाप सफल नहीं रहा. छात्र नेता इनकी एक भी बात नहीं सुनी और सीधा अपनी दस सूत्री मांग सहित बीएड परीक्षा परिणाम रद्द करने की मांग की.
छात्रों के आन्दोलन को लेकर विश्वविद्यालय में लगातार दो दिनों से ताला लटक रहा है जिससे विश्वविद्यालय की सभी आवश्यक कार्य प्रभावित हो गया है. विश्वविद्यालय के आवशयक कार्य को लेकर कोसी सहित सीमांचल से आने वाले छात्र एंव छात्रा परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं. आज मजबूरन आक्रोशित छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध एन एच 106 विह्पुर व वीरपुर मुख्य मार्ग को घंटों जाम कर उग्र आन्दोलन प्रदर्शन किया, जिससे आने-जाने वाले राहगीर सहित आम लोगों को काफी कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ा. वहीँ छात्रों ने शहर के कई प्रमुख कालेजों में तालाबंदी भी की.
संयुक्त छात्र संगठनों के समर्थन में उतरे भाकपा नेता सह ए.आई.एस.एफ़ के पूर्व सचिव प्रमोद प्रभाकर ने भी छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में और उग्र आन्दोलन किया जाएगा जिसकी सारी जबाबदेही जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रसासन की होगी. तक़रीबन तीन घंटों तक सड़क जाम के कारण कई अधिकारी सहित स्कूली बसें भी जाम में फंसी रही और आने-जाने वाले राहगीर सहित आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.
घंटों बाद पहुंचे सदर एस.डी.एम संजय कुमार निराला की पहल पर सड़क जाम हटाया गया. हालाँकि एस.डी.एम् निराला ने छात्रों को आश्वासन दिया कि इस मामले को लेकर कुलपति डॉ. विनोद कुमार से खुद वार्ता करेंगें. छात्र नेताओं की मांग है जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी दस सूत्री मांग नहीं मान लेते है तब तक आमरण अनशन और आन्दोलन जारी रहेगा.
वहीँ छात्र नेता हर्षवर्धन सिंह राठौर ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि कल से पूर्ण रूपेण विश्वविद्यालय में तालाबंदी रहेगा तथा सहरसा पूर्णियां आदि मुख्य शहरों में भी संगठन के छात्र आन्दोलन तेज करेगा. सूत्रों की माने तो जब तक विश्वविद्यालय में स्थाई तौर पर कुलपति नहीं रहेंगें तबतक समस्या और भी विकराल होती चली जायेगी..
छात्रों का आरोप है कि अधिकारियों के मुताबिक़ कुलपति बाहर हैं और वे सिर्फ कोरा आश्वासन दे सकते हैं, मांगें मानी जायेगी या नहीं, उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. बताया जा रहा है कि कोई भी अधिकारी मौत को हथेली पर लिए अनशनकारी छात्र मनीष कुमार और हर्षवर्धन सिंह राठौर से कुलपति की फोन से भी बात करने की जरूरत नहीं समझा.
बता दें कि विश्वविद्यालय में व्याप्त अराजकता व बीएड परीक्षा परिणाम सहित छात्राओं के लिए स्थाई रूप से छात्रावास की सुविधा एंव एकेडमिक कलेंडर लागू हो तथा वर्षों से जमे अधिकारी की तबादला जैसे दस सूत्री मांगों को लेकर लगातार पांच दिनों से संयुक्त छात्र संगठन आन्दोलन व अनशन कर रहे हैं. जबकि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ.जे.पी.एन झा ने दो दिन पूर्व इन छात्र नेताओं से वार्तालाप भी किया लेकिन वार्तालाप सफल नहीं रहा. छात्र नेता इनकी एक भी बात नहीं सुनी और सीधा अपनी दस सूत्री मांग सहित बीएड परीक्षा परिणाम रद्द करने की मांग की.
छात्रों के आन्दोलन को लेकर विश्वविद्यालय में लगातार दो दिनों से ताला लटक रहा है जिससे विश्वविद्यालय की सभी आवश्यक कार्य प्रभावित हो गया है. विश्वविद्यालय के आवशयक कार्य को लेकर कोसी सहित सीमांचल से आने वाले छात्र एंव छात्रा परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं. आज मजबूरन आक्रोशित छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध एन एच 106 विह्पुर व वीरपुर मुख्य मार्ग को घंटों जाम कर उग्र आन्दोलन प्रदर्शन किया, जिससे आने-जाने वाले राहगीर सहित आम लोगों को काफी कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ा. वहीँ छात्रों ने शहर के कई प्रमुख कालेजों में तालाबंदी भी की.
संयुक्त छात्र संगठनों के समर्थन में उतरे भाकपा नेता सह ए.आई.एस.एफ़ के पूर्व सचिव प्रमोद प्रभाकर ने भी छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में और उग्र आन्दोलन किया जाएगा जिसकी सारी जबाबदेही जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रसासन की होगी. तक़रीबन तीन घंटों तक सड़क जाम के कारण कई अधिकारी सहित स्कूली बसें भी जाम में फंसी रही और आने-जाने वाले राहगीर सहित आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.
घंटों बाद पहुंचे सदर एस.डी.एम संजय कुमार निराला की पहल पर सड़क जाम हटाया गया. हालाँकि एस.डी.एम् निराला ने छात्रों को आश्वासन दिया कि इस मामले को लेकर कुलपति डॉ. विनोद कुमार से खुद वार्ता करेंगें. छात्र नेताओं की मांग है जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी दस सूत्री मांग नहीं मान लेते है तब तक आमरण अनशन और आन्दोलन जारी रहेगा.
वहीँ छात्र नेता हर्षवर्धन सिंह राठौर ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि कल से पूर्ण रूपेण विश्वविद्यालय में तालाबंदी रहेगा तथा सहरसा पूर्णियां आदि मुख्य शहरों में भी संगठन के छात्र आन्दोलन तेज करेगा. सूत्रों की माने तो जब तक विश्वविद्यालय में स्थाई तौर पर कुलपति नहीं रहेंगें तबतक समस्या और भी विकराल होती चली जायेगी..
सुलग रहा है बीएनएमयू: अनशन का पांचवा दिन, एसडीओ पहुंचे अनशन स्थल पर तो छात्रों ने किया सड़क जाम और बंद कराया अन्य कॉलेज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 05, 2016
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