सुपौल। सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण मंगलवार को एक नवजात के शव को अस्पताल में विचरन करने वाले सूअरों ने नोच-नोच कर अपना निवाला बना लिया. इस लोमहर्षक दृष्य को देखकर अस्पताल में मौजूद मरीज व उसके परिजनों की हालत खराब हो गयी. मानवीय संवेदना को तार-तार करने वाली इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में अस्पताल प्रशासन के विरूद्ध आक्रोश देखा गया.
नवजात का शव लावारिश बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष के पीछे कूड़े के ढ़ेर पर फेंके गये नवजात के शव को सूअर मुंह में दबा कर अस्पताल के नव निर्मित पोस्टमार्टम कक्ष के पास ले गया और दो तीन सूअर मिलकर उसे अपना आहार बनाने लगे. इस दौरान रास्ते से गुजर रहे कुछ मरीज व परिजनों ने किसी प्रकार सूअरों को भगाया और नवजात के शव को समुचित रूप से दफनाने के लिये अस्पताल प्रशासन को सूचना देने का प्रयास किया. लेकिन दुर्भाग्य से अस्पताल के डीएस व प्रबंधक का सरकारी मोबाईल स्वीच ऑफ था.
जिसके बाद स्थानीय लोग अपने स्तर से शव को ठिकाना लगाने का प्रयास करने लगे. तभी पुन: कई सुअरों के झुंड ने नवजात के शव को अपना निवाला बना लिया. घटना के बाद नवजात के शव को लेकर अस्पताल के कर्मियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी था. हालांकि शव को लेकर कुछ भी स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका था.
कहां से आया नवजात का शव?: सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष की पंजी के मुताबिक सोमवार की सुबह से लेकर मंगलवार दोपहर तक सदर अस्पताल में 29 प्रसव हुए थे. सभी प्रसूताओं के शिशु स्वस्थ्य हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जब अस्पताल में जन्मे सभी शिशु स्वस्थ्य व सुरक्षित हैं तो फिर अस्पताल परिसर में मृत नवजात का शव आखिर कहा से आया. हालांकि जानकार बताते हैं कि अस्पताल के कई एएनएम दलालों की मिली भगत से अस्पताल में गर्भपात सहित अन्य अनैतिक कार्यों को अंजाम देते हैं.
कयास लगाया जा रहा है कि अल्ट्रासाउंड में गर्भस्थ शिशु के लड़की होने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में किसी एएनएम से अवैध व अनैतिक तरीके से गर्भपात करवाया और मृत शिशु के शव को कूड़े के ढ़ेर में फेंक कर चलते बने.
कहते हैं अधिकारी: इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ रामेश्वर साफी ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच करायी जायेगी. नवजात शिशु कहां से आया इसकी भी जांच की जायेगी. साथ ही जांचोपरांत दोषी कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी
नवजात का शव लावारिश बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष के पीछे कूड़े के ढ़ेर पर फेंके गये नवजात के शव को सूअर मुंह में दबा कर अस्पताल के नव निर्मित पोस्टमार्टम कक्ष के पास ले गया और दो तीन सूअर मिलकर उसे अपना आहार बनाने लगे. इस दौरान रास्ते से गुजर रहे कुछ मरीज व परिजनों ने किसी प्रकार सूअरों को भगाया और नवजात के शव को समुचित रूप से दफनाने के लिये अस्पताल प्रशासन को सूचना देने का प्रयास किया. लेकिन दुर्भाग्य से अस्पताल के डीएस व प्रबंधक का सरकारी मोबाईल स्वीच ऑफ था.
जिसके बाद स्थानीय लोग अपने स्तर से शव को ठिकाना लगाने का प्रयास करने लगे. तभी पुन: कई सुअरों के झुंड ने नवजात के शव को अपना निवाला बना लिया. घटना के बाद नवजात के शव को लेकर अस्पताल के कर्मियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी था. हालांकि शव को लेकर कुछ भी स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका था.
कहां से आया नवजात का शव?: सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष की पंजी के मुताबिक सोमवार की सुबह से लेकर मंगलवार दोपहर तक सदर अस्पताल में 29 प्रसव हुए थे. सभी प्रसूताओं के शिशु स्वस्थ्य हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जब अस्पताल में जन्मे सभी शिशु स्वस्थ्य व सुरक्षित हैं तो फिर अस्पताल परिसर में मृत नवजात का शव आखिर कहा से आया. हालांकि जानकार बताते हैं कि अस्पताल के कई एएनएम दलालों की मिली भगत से अस्पताल में गर्भपात सहित अन्य अनैतिक कार्यों को अंजाम देते हैं.
कयास लगाया जा रहा है कि अल्ट्रासाउंड में गर्भस्थ शिशु के लड़की होने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में किसी एएनएम से अवैध व अनैतिक तरीके से गर्भपात करवाया और मृत शिशु के शव को कूड़े के ढ़ेर में फेंक कर चलते बने.
कहते हैं अधिकारी: इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ रामेश्वर साफी ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच करायी जायेगी. नवजात शिशु कहां से आया इसकी भी जांच की जायेगी. साथ ही जांचोपरांत दोषी कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी
सूअरों ने नोच-नोच कर नवजात के शव को बनाया अपना निवाला
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 19, 2016
Rating:
No comments: