सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है, संभलने के बाद भी संभलकर नहीं चला जा रहा है. आये दिन दुर्घटना हो रही है. ये हाल हैं उदाक्किशुनगंज अनुमंडल व मधेपुरा जिले के एक बड़ी आबादी चौसा व पुरैनी प्रखंड के लोगों को जिला मुख्यालय व अनुमंडल तक जाने वाली मुख्य सड़क का.
चौसा व पुरैनी प्रखंड के कुल 22 पंचायतों की आबादी सहित भागलपुर जिले व पुर्णिया के सीमावर्ती लोगों को मधेपुरा से जोड़नेवाली मुख्य सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है. सड़क पर बने इन गड्ढों के कारण वाहन चालक सहित आमजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क के जर्जर होने व गड्ढे से भरे रहने के वजह से लोग दुर्घटनाग्रस्त हों रहे है. पर जवाबदेह कुम्भकर्णी नींद में सोये है. अगर भूलवश विभाग की नींद खुलती भी है तो वो भी बरसात के मौसम में.
संभल कर चले, दुर्घटना को दावत दे रहा सड़क: वर्षों से अपनी बेबसी का रोना रो रहा यह मुख्य सड़क पीडब्लुडी के अन्तर्गत है. हाल में यह एसएच 58 में परिणत हो चुका है, लेकिन बदहाली ऐसी है कि इस सड़क पर चार पहिया वाहन, कार व बसें तो हिचकोले मारकर दुर्घटनाओं से जूझकर किसी तरह चल पाती हैं लेकिन बाईक व साइकिल सवार एवं पैदल चलना तो और भी मुश्किल भरा है. इन गड्ढों में बरसात का पानी जमा हो जाने की वजह से सड़क की जर्जरता का अंदाजा नहीं लग पाता है और कई बार वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं.
इस बाबत पीडब्ल्युडी एक्स्क्युटिव मधेपुरा से पुछे जाने पर उन्होनें बताया कि यह सड़क एसएच 58 में है और निर्माण हेतु डीपीआर अन्डर प्रोसेस है. इस सड़क को प्राथमिकता देते हुए जल्द ही निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जाएगा. मरम्मत का कार्य भी फिलहाल शुरू कर दिया गया है.
चौसा व पुरैनी प्रखंड के कुल 22 पंचायतों की आबादी सहित भागलपुर जिले व पुर्णिया के सीमावर्ती लोगों को मधेपुरा से जोड़नेवाली मुख्य सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है. सड़क पर बने इन गड्ढों के कारण वाहन चालक सहित आमजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क के जर्जर होने व गड्ढे से भरे रहने के वजह से लोग दुर्घटनाग्रस्त हों रहे है. पर जवाबदेह कुम्भकर्णी नींद में सोये है. अगर भूलवश विभाग की नींद खुलती भी है तो वो भी बरसात के मौसम में.
संभल कर चले, दुर्घटना को दावत दे रहा सड़क: वर्षों से अपनी बेबसी का रोना रो रहा यह मुख्य सड़क पीडब्लुडी के अन्तर्गत है. हाल में यह एसएच 58 में परिणत हो चुका है, लेकिन बदहाली ऐसी है कि इस सड़क पर चार पहिया वाहन, कार व बसें तो हिचकोले मारकर दुर्घटनाओं से जूझकर किसी तरह चल पाती हैं लेकिन बाईक व साइकिल सवार एवं पैदल चलना तो और भी मुश्किल भरा है. इन गड्ढों में बरसात का पानी जमा हो जाने की वजह से सड़क की जर्जरता का अंदाजा नहीं लग पाता है और कई बार वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं.
इस बाबत पीडब्ल्युडी एक्स्क्युटिव मधेपुरा से पुछे जाने पर उन्होनें बताया कि यह सड़क एसएच 58 में है और निर्माण हेतु डीपीआर अन्डर प्रोसेस है. इस सड़क को प्राथमिकता देते हुए जल्द ही निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जाएगा. मरम्मत का कार्य भी फिलहाल शुरू कर दिया गया है.
अरेरेरे...जरा संभलकर! थोड़ी सी असावधानी हुई तो फिर अस्पताल का ही सहारा है.....
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 17, 2016
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