“एक शाम हमने चिरागों से जला रखी है,
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है.”
सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की जांच के लिए भले ही राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मंजूरी दे दी हो, पर एक निर्भीक पत्रकार के जाने का गम और हत्यारों के खिलाफ लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रखा है.
मधेपुरा में पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पत्रकारों की एकजुटता सड़कों तक दिखी. मधेपुरा प्रेस क्लब के आह्वान पर जहाँ पहले दिन जिले भर में पत्रकारों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया वहीँ अगले दिन समिधा ग्रुप स्थित चंद्र्तारा मेमोरियल हॉल में श्रद्धांजलि सभा के दौरान जिले भर के पत्रकारों का अपराध के खिलाफ आक्रोश झलका. सोमवार को पत्रकारों के समर्थन में जिले के राजनेता, छात्र संगठन और बुद्धिजीवी भी सड़कों पर उतर कर समाहरणालय तक पहुंचे.
मधेपुरा प्रेस क्लब के बैनर तले आज मंगलवार की शाम में जिले के पत्रकार, छात्र संगठन और बुद्धिजीवी जिला मुख्यालय के कॉलेज चौक पर एकत्रित हुए और कैंडल जलाकर दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि दी. पत्रकारों का कहना था कि सीबीआई जांच से जल्द अपराधी को सामने लाया जाय और स्पीडी ट्राइल के माध्यम से हत्यारों को फांसी के तख्ते तक पहुँचाया जाय. उन्होंने सरकार से परिवार को सम्मानजनक मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की.
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है.”
सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की जांच के लिए भले ही राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मंजूरी दे दी हो, पर एक निर्भीक पत्रकार के जाने का गम और हत्यारों के खिलाफ लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रखा है.
मधेपुरा में पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पत्रकारों की एकजुटता सड़कों तक दिखी. मधेपुरा प्रेस क्लब के आह्वान पर जहाँ पहले दिन जिले भर में पत्रकारों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया वहीँ अगले दिन समिधा ग्रुप स्थित चंद्र्तारा मेमोरियल हॉल में श्रद्धांजलि सभा के दौरान जिले भर के पत्रकारों का अपराध के खिलाफ आक्रोश झलका. सोमवार को पत्रकारों के समर्थन में जिले के राजनेता, छात्र संगठन और बुद्धिजीवी भी सड़कों पर उतर कर समाहरणालय तक पहुंचे.
मधेपुरा प्रेस क्लब के बैनर तले आज मंगलवार की शाम में जिले के पत्रकार, छात्र संगठन और बुद्धिजीवी जिला मुख्यालय के कॉलेज चौक पर एकत्रित हुए और कैंडल जलाकर दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि दी. पत्रकारों का कहना था कि सीबीआई जांच से जल्द अपराधी को सामने लाया जाय और स्पीडी ट्राइल के माध्यम से हत्यारों को फांसी के तख्ते तक पहुँचाया जाय. उन्होंने सरकार से परिवार को सम्मानजनक मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की.
(नि.सं.)
‘एक शाम हमने चिरागों से जला रखी है’: दिवंगत राजदेव रंजन को कैंडिल जलाकर श्रद्धांजलि
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 17, 2016
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May 17, 2016
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