‘बना के क्यूं बिगाड़ा रे’: पूर्ण शराबबंदी का तहे दिल से महिलाओं और बुद्धिजीवियों ने किया स्वागत तो पियक्कड़ों ने कहा गलत है
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgL3Y8C1KPX2PEF2kbwSvh0qWa4AtrB2gwtU_IDkuzhwGs2Cs84gg169GBKvTvhP5pS_RyffwWtKJRuo6R79gjENV94NgFwkUkcD6LAW0i7vh8hyphenhyphenQEBxZDw2-JjAyYIFy6SH7t1fg04uXw/s320/Madhepura+Times+News+online.jpg)
मेरे अधरों पर हाला,
एक समय झूमा करता था
मेरे हाथों पर प्याला,
एक समय पीनेवाले,
साकी आलिंगन करते थे,
आज बनी हूँ निर्जन मरघट,
एक समय थी मधुशाला”
-हरिवंश राय बच्चन
उनके लिए आज की शाम सबसे उदास है और रात मातम भरी होगी. शराब पर बिहार में पूर्ण रोक ने जहाँ जिले के कई पियक्कड़ों को सदमे में डाल दिया है वहीँ आम लोग, बुद्धिजीवी और महिलाओं के लिए आज का एतिहासिक दिन जश्न मनाने लायक है. कई घर उजड़े, कई असमय काल के गाल में समा गए. खुद तो पीकर दुनियां से विदा हो गए, पर कई विधवाएं आज भी उस शोक से नहीं उबर पा रही हैं, जो शराब ने उन्हें दिया है.
कई लोग पूर्ण शराबबंदी के फैसले को नीतीश कुमार के कार्यकाल के अबतक की सबसे बड़ी घोषणा मान रहे हैं. मधेपुरा में दोपहर का वक्त था जब हमें सूचना मिली कि सरकार ने कैबिनेट के फैसले में बिहार के लिए सबसे बड़ा निर्णय लिया है. मद्य निषेध कार्यालय के कंट्रोल रूम में उद्घाटन के समय जैसे ही मधेपुरा के डीएम मो० सोहैल को इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने कहा, ‘गुड’.
पर हमने सड़कों, महादलित बस्तियों और तबतक शराब की दुकानों पर लाइन में खड़े शराबियों से इसपर प्रतिक्रिया ली. हैरत की बात ये थी कि पीने वाले अधिकांश ने भी कहा कि बंद हो जाएगा तो नहीं पीयेंगे. महिलाओं ने अपने साथ शराबी पतियों के द्वारा मारपीट की बात कही और कहा कि अब शराब का पैसा बच्चों की पढ़ाई में लगेगा.
पर गिने-चुने लोगों ने सरकार के इस फैसले का बिना तर्क दिए विरोध किया. जाहिर है, इसी सरकार के पिछले कार्यकाल में गली-गली शराब की दुकानें खुलने से अधिक लोगों को शराब की लत लग गई थी और अब बंद होने से उनकी जुबान पर ये बात आ रही है कि ‘बना के क्यूं बिगाड़ा रे?’
इस वीडियो में सुनें कुछ लोगों की प्रतिक्रिया, यहाँ क्लिक करें.
‘बना के क्यूं बिगाड़ा रे’: पूर्ण शराबबंदी का तहे दिल से महिलाओं और बुद्धिजीवियों ने किया स्वागत तो पियक्कड़ों ने कहा गलत है
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 05, 2016
Rating:
![‘बना के क्यूं बिगाड़ा रे’: पूर्ण शराबबंदी का तहे दिल से महिलाओं और बुद्धिजीवियों ने किया स्वागत तो पियक्कड़ों ने कहा गलत है](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgLk-8KHATxOoscPzl8K0NctLLo9VPMfLtTaO5OPHR0OaFkB0MdK4rFmUcbBVbAS9-znBS-YeLPm8A_G_1Wapq6wEAoYSNhdL7qjXrqk03GhfIgnIfy4RYp6elFueEDQfy1Mo_3cesEKS8/s72-c/Murari.png)
No comments: