महाशिवरात्रि पर विशेष: जानें जलाभिषेक से क्यों प्रसन्न होते हैं भगवान् भोलेनाथ और क्या नहीं पसंद है शिव को?

महाशिवरात्रि के दिन आशुतोष के जलाभिषेक के लिये दूर-दूर से लोग आते हैं. शिव भक्त मानते हैं कि सच्चे मन, लगन, आस्था और विश्वास के साथ जो भी भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना करते हैं, बाबा सिंहेश्वर नाथ उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं. कहा जाता है शिव विवाह के अहले सुबह जलढरी को भगवान शिव पर जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं पर भोले नाथ की असीम कृपा बरसती है.

क्यों जल के अभिषेक से प्रसन्न होते हैं भोले नाथ?: भगवान शिव को रुद्र कहा जाता है. रुद्र अग्नि के प्रतिक है और रुद्र के उध्र्व लिंग की शिखा उपर की ओर वैसे ही उठी रहती है जैसे अग्नि की शिखा उपर की ओर उठती है. यही कारण है कि शिव लिंग को ज्योर्तिलिंग भी कहा जाता है. इसलिये शिव जलाभिषेक से प्रसन्न होते हैं. शिवभक्तों की मान्यता है कि शिव का जलाभिषेक करने से त्याग, बलिदान जैसे महान गुणो एवं उच्च आदर्शों की प्राप्ति होती है. फलतः दीन दुखियों की सेवा निस्वार्थ भाव से करते हैं. अनार्यो के परम पूज्य अराध्य देव रहते हुऐ भी महादेव की प्रतिष्ठा, महानता और व्यापकता का कारण यह है कि उन्होंने अपने ऐश्वर्य से देवताओं को, शक्ति से असुरो को, ज्ञान से ऋषियों को और योग से प्राणियो को पराभूत किया है. देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिये भक्तगण फूल, बेल पत्र, धतुरा और भांग तथा कच्चा दूध चढाते हैं. एक तरफ जहाँ इन चीजों से भगवान् शिव को खुश किया जाता है तो वहीँ कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो भोलेनाथ को पसंद नहीं है.

क्या नहीं है भगवान शंकर को पसंद:
1. देवाधिदेव महादेव को शंख से जल नही चढ़ाना चाहि. शिवपुराण के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था. उसी समय से शंख से जल चढ़ाने से शिव प्रसन्न नही होते है. 2. वही शिव वैरागी हैं, उन्हे  सौंन्दर्य से जुडी चीजें भी पसंद नही है, इसलिये हल्दी नही चढ़ाना चाहिए. 3. भगवान शिव  को केसर भी नही चढाना चाहिए. 4. तुलसी का पत्ता भी शिव को नही चढाना चाहिए. इसका कारण है कि असुर राज जालंधर का वध भगवान शिव ने ही किया था, जिसकी पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी. तब से भगवान शिव पर तुलसी का पत्ता का प्रयोग नही करने का बात कही गई है. 5. नारियल के पानी से शिव  का अभिषेक नही करना चाहिए, क्योकि नारियल को लक्ष्मी का रुप माना जाता है. 6. भगवान शिव को उबला हुआ दूध नही चढ़ाना चाहिये. पैकेट का दूध भी उबाला हुआ रहता है. 7 भगवान शिव  के पूजन मे केतकी का फूल वर्जित है क्योंकि शिव पुराण के अनुसार ब्रहमा और विष्णु के विवाद मे झूठ बोलने के कारण भगवान शिव ने केतकी को श्राप दिया था.
महाशिवरात्रि पर विशेष: जानें जलाभिषेक से क्यों प्रसन्न होते हैं भगवान् भोलेनाथ और क्या नहीं पसंद है शिव को? महाशिवरात्रि पर विशेष: जानें जलाभिषेक से क्यों प्रसन्न होते हैं भगवान् भोलेनाथ और क्या नहीं पसंद है शिव को? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 06, 2016 Rating: 5

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