‘अब जाके आया मेरे बेचैन दिल को करार’: कदाचार रोक प्रशासन ने ली राहत की सांस

मधेपुरा में इस बार भी इंटरमीडिएट की परीक्षा कदाचार मुक्त हुई और जिला प्रशासन प्रशंसा की हक़दार है. वैसे तो मधेपुरा में कदाचार मुक्त परीक्षा की नींव गत वर्ष ही हौसलों के बुलंद जिला पदाधिकारी गोपाल मीणा ने रख दी थी और शायद कई दशकों के बाद कदाचारियों और शिक्षा माफियाओं के गढ़ में जिला प्रशासन ने कामयाबी के झंडे गाड़ दिए थे.
    इस वर्ष भी वर्तमान जिलाधिकारी मो० सोहैल ने परीक्षा में कदाचार पर नकेल कस दी वो भी बड़े आराम से. कदाचार समर्थकों की एक न चली और जिले में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की एक उम्मीद दिखने लगी. परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पहले परीक्षार्थियों की जांच के ऐसे रूप की कल्पना शायद किसी ने कभी नहीं की थी. जहाँ लड़कों के जूते तक खुलवाकर जांच हुई वहीँ उनके अंडरवीयर तक को टटोला गया. दूसरी तरफ छात्राओं को अलग तात्कालिक रूप से बने कक्ष में ले जाकर महिला पुलिसकर्मियों और वीक्षकों ने जांच की. डीएम मो० सोहैल, एसपी विकास कुमार, एसडीओ संजय कुमार निराला समेत अधिकारी केन्द्रों पर घूमते रहे और मुन्ना भाई समेत कदाचार के प्रयास करने वालों को छक्के छुड़ाते रहे.
    प्रशासन के सख्त रवैये के आगे कदाचार कराने आये कथित अभिभावकों की बैरंग घर-वापसी हो गई और कल तक कदाचार का हिस्सा बने रहे छोटे पुलिसकर्मी भी इसबार चाय की चुस्कियों के साथ अखबार पढ़ते दिखाई देने लगे. जाहिर है, परीक्षा से पहले की प्रशासन की बेचैनी परीक्षा समाप्त होते-होते करार में बदल गई और न सिर्फ जिला प्रशासन बल्कि मिहनत पर भरोसा करने वाले छात्रों समेत मधेपुरा का भला चाहने वाले लोगों ने भी राहत की सांस ली है.
‘अब जाके आया मेरे बेचैन दिल को करार’: कदाचार रोक प्रशासन ने ली राहत की सांस ‘अब जाके आया मेरे बेचैन दिल को करार’: कदाचार रोक प्रशासन ने ली राहत की सांस Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 05, 2016 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.