मैट्रिक परीक्षा में कदाचार समर्थक अभिभावकों पर नकेल कसने के लिए आज जिला पदाधिकारी मो० सोहैल पूरे दमखम मे दिखे. जहाँ अधिकाँश परीक्षा केन्द्रों पर डीएम और एसपी की उपस्थिति देखी गई वहीँ कई केन्द्रों पर डीएम खुद अभिभावकों को परीक्षा केन्द्र से बाहर खदेड़ते नज़र आयॆ.
इस भागम-भाग मे कुल 11 अभिवावक को पकड़ कर थाना लाया गया लेकिन जिला पदाधिकारी के आदेशानुसार सबों से बांड बनवा कर बिना फाइन के छोड़ दिया गया.
आज पहली और दूसरी पाली मे इंग्लिश की परीक्षा थी और इंटर की परीक्षा की तरह ही अभिभावकों को अंत तक चोरी करवाने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आई. हालांकि कई अभिभावक कुछ ज्यादा परेशान दिख रहे थे और पहले के वर्षों के नजारों को याद करते हुए बार-बार परीक्षा केन्द्र पर करीब जाते दिखे पर प्रशासन की सख्ती को देखते हुए आखिर अभिवावक ने दिल को समझा दिया.
बताते चलें कि जिले के कुल 29 परीक्षा केन्द्रों पर लगभग 31 हजार परीक्षार्थी इस बार परीक्षा दे रहे हैं और यह भी अनुमान है कि इस बार भी शहर में एक परीक्षार्थी के साथ कम से कम तीन अभिभावक हैं. इस तरह मधेपुरा में अत्यधिक लोगों के पधारने के कारण यातायात में भी परेशानी हो रही है और जाम की समस्या लग जाती है. कुल मिला कर इंटर और मैट्रिक की परीक्षा मधेपुरा के स्थानीय लोगों के लिये इसलिए परेशानी का सबब बन जाता है कि ये भीड़ शिक्षा माफियाओं द्वारा छात्रों को प्रलोभन देने के कारण लगती है वर्ना शहर में परीक्षार्थियों की संख्यां संतुलित ही रहेगी.
लेकिन पिछले साल और इस साल की परीक्षा को देखते हुए लगता है कि आने वाले समय में मधेपुरा का समय बदलने वाला है और छात्रों के अच्छे दिन आने वाले हैं.
इस भागम-भाग मे कुल 11 अभिवावक को पकड़ कर थाना लाया गया लेकिन जिला पदाधिकारी के आदेशानुसार सबों से बांड बनवा कर बिना फाइन के छोड़ दिया गया.
आज पहली और दूसरी पाली मे इंग्लिश की परीक्षा थी और इंटर की परीक्षा की तरह ही अभिभावकों को अंत तक चोरी करवाने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आई. हालांकि कई अभिभावक कुछ ज्यादा परेशान दिख रहे थे और पहले के वर्षों के नजारों को याद करते हुए बार-बार परीक्षा केन्द्र पर करीब जाते दिखे पर प्रशासन की सख्ती को देखते हुए आखिर अभिवावक ने दिल को समझा दिया.
बताते चलें कि जिले के कुल 29 परीक्षा केन्द्रों पर लगभग 31 हजार परीक्षार्थी इस बार परीक्षा दे रहे हैं और यह भी अनुमान है कि इस बार भी शहर में एक परीक्षार्थी के साथ कम से कम तीन अभिभावक हैं. इस तरह मधेपुरा में अत्यधिक लोगों के पधारने के कारण यातायात में भी परेशानी हो रही है और जाम की समस्या लग जाती है. कुल मिला कर इंटर और मैट्रिक की परीक्षा मधेपुरा के स्थानीय लोगों के लिये इसलिए परेशानी का सबब बन जाता है कि ये भीड़ शिक्षा माफियाओं द्वारा छात्रों को प्रलोभन देने के कारण लगती है वर्ना शहर में परीक्षार्थियों की संख्यां संतुलित ही रहेगी.
लेकिन पिछले साल और इस साल की परीक्षा को देखते हुए लगता है कि आने वाले समय में मधेपुरा का समय बदलने वाला है और छात्रों के अच्छे दिन आने वाले हैं.
(रिपोर्ट: महताब अहमद/मुरारी सिंह)
मैट्रिक परीक्षा का पहला दिन: मशक्कत के साथ प्रशासन ने करवाई कदाचारमुक्त परीक्षा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 11, 2016
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